मलेरिया की समस्या

मलेरिया एक ऐसी बीमारी है जो संक्रमित मच्छर में मौजूद परजीवी की वजह से होती है। ये रोगाणु इतने छोटे होते हैं कि हम इन्हें देख नहीं सकते। मलेरिया बुखार प्लॅस्मोडियम वीवेक्स नामक वाइरस के कारण होता है । यह अनोफलीज़ नामक संक्रमित मादा मच्छर के काटने से मनुष्यों के रक्त प्रवाह में ये वाइरस संचारित होता है। केवल वही मच्छर व्यक्ति में मलेरिया बुखार संचारित कर सकता है, जिसने पहले किसी मलेरिया से संक्रमित व्यक्ति को काटा हो। ये वायरस लिवर तक पहुंच कर उसके काम करने की क्षमता को बिगाड़ देता है। आप होम्योपैथिक विधि से इसका उपचार कर सकते है।

मलेरिया के लक्षण-

अचानक सर्दी लगना
रजाई कम्‍बल ओढना
गर्मी लगकर तेज बुखार
पसीना आकर बुखार कम होना
कमजोर महसूस करना।
शरीर में दर्द
जी मचलना और उल्टी होना।

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आप भी मलेरिया की बीमारी से परेशान है। आप होम्योपैथिक दवाओं के सेवन से इस समस्या से छुटकारा पा सकते है। आप अपने नजदीकी होम्योपैथिक डॉक्टर से संपर्क कर मलेरिया की समस्या छुटकारा पा सकते है। किसी तरह की परेशानी होने पर आप साहस होम्योपैथिक के विशेषज्ञ डा. एनसी पाण्डेय से संपर्क कर सकते है। अधिक जानकारी के लिए आप ऊपर दिये गये वीडियो को देखकर डॉक्टर की बताये दवाओं का इस्तेमाल कर अपनी समस्या से छ़ुटकारा पा सकते है।

यादाश्त में कमी

आमतौर पर कमजोर याद्दाश्त को बुढ़ापे से जोडक़र देखा जाता है। अल्जाइमर और डिमेंशिया दो ऐसी बीमारियां हैं, जो कमजोर याद्दाश्त का कारण बनती हैं। मगर कई बार आपकी कुछ गलत आदतें भी याद्दाश्त कमजोर होने की वजह बन सकती हैं। अक्सर काम के दौरान मन भटकता है या फिर बच्चों का पढाई में मन नहीं लगता है। इन सबका कारण दिमाग में एकाग्रता की कमी के कारण होता है। तो अगर आप मन को एकाग्र करना चाहते हैं आप होम्योपैथिक दवाओं को सेवन कर अपनी यादाश्त बढ़ा सकते है। एकाग्रता में कमी या एकाग्रता की समस्या एक आम समस्या है जो किसी भी उम्र में अपने विभिन्न प्रकार के लक्षण दिखा सकती है।

आइये जानते है इसके कारण-

ज्यादा मीठा खाना
धूम्रपान
जरूरत से ज्यादा खाना
नाश्ता नहीं लेना
पर्याप्त नींद न लेना

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आप भी यादाश्त की कमजोरी परेशान है। आप होम्योपैथिक दवाओं के सेवन से इस समस्या से छुटकारा पा सकते है। आप अपने नजदीकी होम्योपैथिक डॉक्टर से संपर्क कर यादाश्यत की समस्या छुटकारा पा सकते है। किसी तरह की परेशानी होने पर आप साहस होम्योपैथिक के विशेषज्ञ डा. एनसी पाण्डेय से संपर्क कर सकते है। अधिक जानकारी के लिए आप ऊपर दिये गये वीडियो को देखकर डॉक्टर की बताये दवाओं का इस्तेमाल कर अपनी समस्या से छ़ुटकारा पा सकते है।

थकान की समस्या

थकान लगना भी कोई बीमारी है याअन्य बीमारियों का एक लक्षण मात्र है। यह कुछ भी नहीं बस मन की एक स्थिति है। दरअसल, तीनों ही बातें सही हो सकती हैं। हर दिन काम के बाद थकान होती है। जब भी आपको बेहद थका-थका लगे और आप इस सिलसिले में अपने चिकित्सक से मिलने जाएं तो इन तीनों ही संभावनाओं के बारे में मन को तैयार करके जाएं। यह भी काफी नहीं है। आइये जानते है होम्योपैथिक विधि से थकान की समस्या को कैसे दूर सकते है।

आइये जानते है इसके लक्षण-

अस्वस्थ्य महसूस करना
नींद में समस्या
शरीर में दर्द
जोड़ों में दर्द
सिरदर्द
मांसपेशियों में दर्द

थकान के कारण-

वायरल संक्रमण
हार्मोन असंतुलन

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आप भी थकान से परेशान है। आप होम्योपैथिक दवाओं के सेवन से इस समस्या से छुटकारा पा सकते है। आप अपने नजदीकी होम्योपैथिक डॉक्टर से संपर्क कर थकान से छुटकारा पा सकते है। किसी तरह की परेशानी होने पर आप साहस होम्योपैथिक के विशेषज्ञ डा. एनसी पाण्डेय से संपर्क कर सकते है। अधिक जानकारी के लिए आप ऊपर दिये गये वीडियो को देखकर डॉक्टर की बताये दवाओं का इस्तेमाल कर अपनी समस्या से छ़ुटकारा पा सकते है।

चेहरे से तिल हटाये

अक्सर हम अपने शरीर के अलग-अलग अंगों पर काला या लाल सा बिंदू देखते हैं जिसे हम तिल कहते हैं। कुछ लोग तिल को शुभ मानते हैं तो कुछ लोग तिल में अपना चमकता हुआ भाग्य तलाशते है, लेकिन सच्चाई तो ये है कि हर तिल कुछ कहता है। आमतौर पर तो तिल काले ही होते हैं लेकिन कुछ लोगों में तिल के निशान लाल भी होते हैं। तिल किसी भी चेहरे की खूबसूरती में चार चांद लगा देते हैं, लेकिन अगर चेहरे पर हर जगह तिल ही तिल मौजूद हों तो वह देखने में किसी को भी अच्छे नहीं लगते। जिस व्यक्ति के चेहरे पर इस तरह के अनचाहे तिल होते हैं, वह इनसे किसी न किसी तरह पार पाना चाहता है। आज हम आपको बतायेंगे कैसे आप अनचाहे तिलों से होम्योपैथिक विधि द्वारा छुटकारा पा सकते है।

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आप भी चेहरे पर तिल की समस्या से परेशान है। आप होम्योपैथिक दवाओं के सेवन से इस समस्या से छुटकारा पा सकते है। आप अपने नजदीकी होम्योपैथिक डॉक्टर से संपर्क कर चेहरे पर तिल की समस्या से छुटकारा पा सकते है। किसी तरह की परेशानी होने पर आप साहस होम्योपैथिक के विशेषज्ञ डा. एनसी पाण्डेय से संपर्क कर सकते है। अधिक जानकारी के लिए आप ऊपर दिये गये वीडियो को देखकर डॉक्टर की बताये दवाओं का इस्तेमाल कर अपनी समस्या से छ़ुटकारा पा सकते है।

पुरूषों में शुक्राणुओं की कमी

पुरूषों में शुक्राणुओं की कमी की समस्या देखी जाती है। कम शुक्राणुओं की संख्या का अर्थ है कि एक संभोग के दौरान पुरूष के वीर्य में सामान्य से कम शुक्राणु होते हैं। लो स्पर्म काउंट को ओलिगोस्पर्मिया भी कहा जाता है। पुरुषों के वीर्य में शुक्राणुओं की संख्या में कमी का मतलब केवल उनकी प्रजनन क्षमता पर सवालिया निशान नहीं है बल्कि इससे पता चलता है कि कई अन्य तरह की भी स्वास्थ्य समस्याएं हैं। वीर्य में शुक्राणुओं की कमी या वीर्य की गुणवत्ता में गिरावट के कारण हर तीन में से एक जोड़ा मां-बाप बनने की समस्या से जूझ रहा है। आज हम आपको बतायेंगे कैसे आप होम्योपैथिक विधि से इस समस्या का उपचार कर सकते है।

शुक्राणुओं की कमी के लक्षण-

कामेच्छा में कमी
स्तंभन दोष
नपुसकता
दर्द
सूजन
गांठ

शंकाणु की कमी के कारण-

धूम्रपान
तनाव
वजन
एक्स-रे
हार्मोन असंतुलन
क्रोमोसोम
वैरीकोसेल
संक्रमण
ट्यूमर

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आप भीशुक्राणुओं की कमी की समस्या से परेशान है। आप होम्योपैथिक दवाओं के सेवन से इस समस्या से छुटकारा पा सकते है। आप अपने नजदीकी होम्योपैथिक डॉक्टर से संपर्क कर शुक्राणुओं की कमी की समस्या से छुटकारा पा सकते है। किसी तरह की परेशानी होने पर आप साहस होम्योपैथिक के विशेषज्ञ डा. एनसी पाण्डेय से संपर्क कर सकते है। अधिक जानकारी के लिए आप ऊपर दिये गये वीडियो को देखकर डॉक्टर की बताये दवाओं का इस्तेमाल कर अपनी समस्या से छ़ुटकारा पा सकते है।

त्वचा में खुजली की समस्या

खुजली की समस्या होना आम बात है। यह समयस्या बेचैन कर देती है और कई बार तो खारिश करते-करते आपकी त्वचा पर घाव हो जाता है। खुजली होने के कई सारे कारण हो सकते है जिनमें त्वचा का रुखा होना, किसी दवा से एलर्जी या किसी खाने के चीज से हुई एलर्जी। इनके अलावा रोजाना ना नहाने, गंदे कपड़े पहनने, मच्छर के काटने या फिर किसी त्वचा रोग के कारन भी एलर्जी की शिकायत हो सकती है। खुजली चाहे जिस वजह से हो रही हो, चेहरे पर खुजली का इलाज क्या है। साथ ही हम आपका यह भी बताएंगे कि सामान्यत: किन बातों का ध्यान रखने से आप चेहरे पर होने वाली खुजली से बच सकती है। आप होम्योपैथिक विधि से चेहरे पर खुजली का उपचार कर सकते है।

त्वचा में खुजली के लक्षण-

त्वचा में घाव
सूजन
फफोले
त्वचा में खरोच
लीवर रोग

त्वचा में खुजली के कारण-

सूखी त्वचा
आंतरिक रोग
जलन
एजर्ल
गर्भावस्था
चकते

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आप भी त्वचा में खुजली की समस्या से परेशान है। आप होम्योपैथिक दवाओं के सेवन से इस समस्या से छुटकारा पा सकते है। आप अपने नजदीकी होम्योपैथिक डॉक्टर से संपर्क कर त्वचा में खुजली की समस्या से छुटकारा पा सकते है। किसी तरह की परेशानी होने पर आप साहस होम्योपैथिक के विशेषज्ञ डा. एनसी पाण्डेय से संपर्क कर सकते है। अधिक जानकारी के लिए आप ऊपर दिये गये वीडियो को देखकर डॉक्टर की बताये दवाओं का इस्तेमाल कर अपनी समस्या से छ़ुटकारा पा सकते है।

काली खांसी की समस्या

काली खांसी एक सांस से संबंधी बीमारी है। काली खांसी बच्चों की बीमारी है लेकिन ऐसा नहीं है। यह बड़ों को भी हो जाती है। यह खतरनाक बीमारी है क्योंकि यह संक्रामक होती है यानी इस बीमारी के वायरस हवा के जरिये एक इंसान से दूसरे तक पहुंचते हैं। यह खांसी रात और दिन में बढ़ जाती है। कई बार खांसते-खांसते दम फूलने लगता है। आंखें लाल हो जाती हैं। इस खांसी को कुक्कुर खांसी भी कहते हैं। खांसी शुरू होने के लगभग 2 सप्ताह तक संक्रमित लोग सबसे ज्यादा संक्रामक होते हैं। एंटीबायॉटिक्स इसके संक्रामण से काफी हद तक बचाता है।

यह बीमारी ठंड की तरह के लक्षणों से शुरू होती है। हल्की खांसी या बुखार हो सकता है। शिशुओं में खांसी कम या नहीं भी हो सकती है। काली खांसी बच्चों के लिए सबसे खतरनाक है। 1 वर्ष से कम उम्र के करीब आधे बच्चों को अस्पताल में देखभाल की जरूरत पड़ती है। 1 से 2 सप्ताह के बाद और जैसे-जैसे बीमारी बढ़ती है, काली खांसी के पारंपरिक लक्षण दिखाई देते हैं।

तेज खांसी
तीव्र खांसी
ल्टी होना
खांसी के बाद थकावट।

ये है काली खांसी के कारण-

बहती नाक
नाक का बंद होना
लाल, पानी आँखें होना
बुखार आना
खांसी आना

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आप भी काली खांसी की समस्या से परेशान है। आप होम्योपैथिक दवाओं के सेवन से इस समस्या से छुटकारा पा सकते है। आप अपने नजदीकी होम्योपैथिक डॉक्टर से संपर्क कर काली खांसी से छुटकारा पा सकते है। किसी तरह की परेशानी होने पर आप साहस होम्योपैथिक के विशेषज्ञ डा. एनसी पाण्डेय से संपर्क कर सकते है। अधिक जानकारी के लिए आप ऊपर दिये गये वीडियो को देखकर डॉक्टर की बताये दवाओं का इस्तेमाल कर अपनी समस्या से छ़ुटकारा पा सकते है।

मसूड़ों में सूजन

अक्सर लोग मसूड़ों की समस्या से परेशान है। पके मसूड़े अजीब लगते हैं, क्या उनमें दर्द और तकलीफ होती है। ब्रश करते समय या फ्लॉस करते हैं, तो मसूड़ों से खून आता है या उसकी सतह पर एक सफेद धब्बा देखा है। ऐसे कई मुद्दे हैं जो आपके मसूड़ों को प्रभावित कर सकते हैं। जरूरी नहीं कि दांतों या मसूड़ों की सूजन और मसूड़ों की बीमारी को हल्के में लिया जाए। मामूली सी लगने वाली मसूड़ों की सूजन कैंसर का भी एक संकेत हो सकता है। आप होम्योपैथिक विधि से मसूडं़ों का उपचार कर सकते है।

आइये जानते है इसके लक्षण-

गले में खराश
कान में दर्द
मुंह में बार-बार छाले होना
अचानक से वजन कम हो जाना
एचपीवी
होंठ से टॉन्सिल
मुंह से खून आना
मुंह में दर्द होना
मुंह में गांठ बनना
पपड़ी बनना
मुंह में लाल या सफेद पैच का निशान

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आप भी मसूड़ों की सूजन का सामना कर रहे है। आप होम्योपैथिक दवाओं के सेवन से इस समस्या से छुटकारा पा सकते है। आप अपने नजदीकी होम्योपैथिक डॉक्टर से संपर्क कर मसूड़ों के सूजन से छुटकारा पा सकते है। किसी तरह की परेशानी होने पर आप साहस होम्योपैथिक के विशेषज्ञ डा. एनसी पाण्डेय से संपर्क कर सकते है। अधिक जानकारी के लिए आप ऊपर दिये गये वीडियो को देखकर डॉक्टर की बताये दवाओं का इस्तेमाल कर अपनी समस्या से छ़ुटकारा पा सकते है।

सांस फूंलने की समस्या

सांस के बिना जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती। इसी वजह से सांस प्रक्रिया को नियंत्रित करने वाले फेफड़ों की समस्या, सांस लेने में दिक्कत या सांस फूलने की परेशानी एक बड़ी और गंभीर स्वास्थ्य समस्या है। जो कि जानलेवा साबित हो सकती है। सांस फूलना एक ऐसा लक्षण हैं, जो काफी आम है। मरीज परेशान रहता है एवं भयभीत रहता है कि कहीं जान चली जाए। कई बार तो काफी जांच पड़ताल के बावजूद पता नहीं चलता कि आखिर सांस क्यों फूल रहा है। डिस्पनिया यानि सांस रोग हो सकता है। आप होम्योपैथिक विधि से इसका बेहतर उपचार कर सकते है। आइये जानते है क्या है सांस फूलने के कारण और लक्षण।

सांस फूंलने के लक्षण-

सांस की गति तेज होना
धडक़न तेज होना
थकावट
ब्लड प्रेशर कम होना
खांसी
वुखार
सांस में दिक्कत
छाती दर्द

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आप भी सांस फंूलने की समस्या का सामना कर रहे है। आप होम्योपैथिक दवाओं के सेवन से इस समस्या से छुटकारा पा सकते है। आप अपने नजदीकी होम्योपैथिक डॉक्टर से संपर्क कर सांस फूंलने की समस्या से छुटकारा पा सकते है। किसी तरह की परेशानी होने पर आप साहस होम्योपैथिक के विशेषज्ञ डा. एनसी पाण्डेय से संपर्क कर सकते है। अधिक जानकारी के लिए आप ऊपर दिये गये वीडियो को देखकर डॉक्टर की बताये दवाओं का इस्तेमाल कर अपनी समस्या से छ़ुटकारा पा सकते है।

भूख न लगना

कई बार बच्‍चे अपनी पसंद का खाना होने पर भी खाने से मना कर देते हैं या हरी सब्जियों को देखकर मुंह बना लेते हैं। कुछ बच्‍चे तो रोज बस थोड़ा-सा ही खाना खाते हैं।। अगर आपका बच्‍चा भी ऐसा करता है तो ये भूख कम लगने का संकेत हो सकता है। क्या आपको भी है भूख न लगने की परेशानी है। अच्छा और स्वादिष्ट खाना देखकर भी आपका उसे खाने की इच्छा नहीं होती है। आप होम्योपैथिक विधि से अपनी खोई हुई भूख को वापस ला सकते हैं या भूख न लगने की परेशानी है, तो क्या करना चाहिए। भूख न लगना हमारे पाचन शक्ति में गड़बड़ी का संकेत है। ऐसे में प्राकृतिक तरीका अपनाकर आप इस समस्या से निजात पा सकती हैं। यह तो आप भी मानती होंगी कि अनियमित दिनचर्या का सीधा-सीधा असर हमारे स्वास्थ्य पर पड़ता है। भूख न लगने के कई कारण है। हम आपके हर आर्टिकल में बीमारियों को दूर करने की विधि बताते है। इसका वीडियो आपको हमारे यू-ट्यूब चैनल पर भी मिलेगा। आर्टिकल पढऩे के साथ-साथ वीडियो को भी देखें।

भूख न लगने कारण-

गले में खराश
पेट दर्द या खराब
स्‍नैक्‍स या जंक फूड ज्‍यादा खाना
हाई शुगर
बेवरेज पीने
डिप्रेशन या तनाव में होना
हॉर्मोनल असंतुलन होना
पुरानी बीमारी होना
बुखार

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आप भी भूख न लगने की समस्या का सामना कर रहे है। आप होम्योपैथिक दवाओं के सेवन से इस समस्या से छुटकारा पा सकते है। आप अपने नजदीकी होम्योपैथिक डॉक्टर से संपर्क कर भूख न लगने की समस्या से छुटकारा पा सकते है। किसी तरह की परेशानी होने पर आप साहस होम्योपैथिक के विशेषज्ञ डा. एनसी पाण्डेय से संपर्क कर सकते है। अधिक जानकारी के लिए आप ऊपर दिये गये वीडियो को देखकर डॉक्टर की बताये दवाओं का इस्तेमाल कर अपनी समस्या से छ़ुटकारा पा सकते है।