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बच्चों में लार की समस्या

अक्सर छोटे बच्चे मुंह से लार गिराते रहते हैं और उनकी माताएं बड़े ही प्यार से उनकी बहती लार को समय-समय पर साफ करती हैं। कुछ मामलों में ऐसा होना बहुत ही सामान्य है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि कुछ विशेष परिस्थितियों में बच्चों का लार टपकाना किसी समस्या का इशारा भी हो सकता है। इस बारे में बच्चे बोल कर नहीं बता सकते। बच्चों में दो साल की उम्र तक लार का टपकना बहुत ही सामान्य है। ऐसा होने के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें शारीरिक और मानसिक विकास के साथ-साथ दांतों का निकलना भी शामिल है। आप होम्योपैथिक विधि से इसका उपचार कर सकते है।

लार टपकने के कारण-

मुंह में घाव
एसिडिटी
दवाईओं का प्रभाव
रिले-डे सिंड्रोम
विल्सन रोग
केंद्रीय तंत्रिका तंत्र
रेट सिंड्रोम
टॉन्सिलाइटिस
दांतों में कैविटी
मानसिक विकास में कमी

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आपका बच्चा की लार टपकने की समस्या से जूझ रहे है तो आप होम्योपैथिक दवाओं के सेवन से इस समस्या से छुटकारा पा सकते है। आप अपने नजदीकी होम्योपैथिक डॉक्टर से संपर्क कर लार टपकने की समस्या से छुटकारा पा सकते है। और होम्योपैथिक दवाइयों का उपयोग करें तो इन बीमारियों से बच सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए आप साहस होम्योपैथिक क्लीनिक के विशेषज्ञ डॉ. एनसी पाण्डेय से संपर्क कर सकते है।

मुंह में छाले की समस्या

मुंह के अंदर सफेद चक्कते या खुरदरापन मुंह से खून आना, लाल दानेदार चक्कते, छोटे-छोटे घाव, मुंह कम खुलना जैसी समस्याएं हैं तो सावधान हो जाएं। तंबाकू सेवन के कारण ये दिक्कतें पैदा होती हैं। मुंह के छाले सुनने में भले ही छोटी समस्या लगे, लेकिन यह परेशान बहुत करती है। मुंह के छाले बहुत तकलीफदेह हो सकते है। इसके साथ ही यह कमजोरी की वजह भी बन सकते है। मुंह के छाले या माउथ अल्सर क्या होते है। असल में मुंह के अंदरुनी भाग में होने वाले से छोटे छालों को माउथ अल्सर कहा जाता है। मुंह के छालों के कारण क्या होते हैं। इसके कई कारण हो सकते हैं। अक्सर लोग इसे पेट की गर्मी से जोड़ते हैं। मुंह के छालों की वजह पेट साफ न होना, हॉर्मोनल की गड़बड़ी और पीरियड्स की वजह से हो सकते हैं। आज हम आपको बतायेंगे कैसे आप मुंह में छालो का होम्योपैथिक उपचार कर सकते है।

आइये जानते है इसके लक्षण

छाले निकलना
घाव
गांठ का लंबे समय तक ठीक न होना
बोलने- निगलने में परेशानी
अधिक लार बनना
मुंह के किसी भाग में लगातार दर्द
जीभ
होठों और गालों में जलन
गले में दर्द रहित गांठ

आइये जानते है कारण-

धूप
ज्यादा हवा चलना
हार्मोनल परिवर्तन
शारीरिक तनाव
बुखार होना
सीने में संक्रमण होना

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आप भी मुंह के छालों से परेशान है तो आप होम्योपैथिक दवाओं के सेवन से इस समस्या से छुटकारा पा सकते है। आप अपने नजदीकी होम्योपैथिक डॉक्टर से संपर्क कर मुंह के छालों से छुटकारा पा सकते है। किसी तरह की परेशानी होने पर आप साहस होम्योपैथिक के विशेषज्ञ डा. एनसी पाण्डेय से संपर्क कर सकते है।

आंख का आना

छोटी रक्त वाहिकाएं जिनमें से कई सामान्य रूप से अदृश्य हैं। पर्यावरणीय या जीवनशैली से संबंधित कारणों से या विशिष्ट आंख की समस्याओं के कारण सूजन हो सकती हैं । आंख आने के कई कारण है जैसे लाल आंखें आमतौर पर एलर्जी, आंखों की थकान, ज्यादा समय तक कॉन्टैक्ट लेंस पहनना या गुलाबी आंख जैसे सामान्य आंखों के संक्रमण के कारण होती हैं। आंख की लालिमा कभी-कभी अधिक गंभीर आंख की स्थिति या बीमारी का संकेत दे सकती है। अगर आप भी आंख आने की समस्या से परेशान है तो आप होम्योपैथिक विधि से इसका उपचार कर सकते है।

आंख आने के कारण

एलर्जिक कंजंकिटवाइटिस
जायंट पैपिलरी
बैक्टीरियल
वायरल
निओनेटल

आइये जानते है लक्षण-

आंखों का लाल होना
कंजंक्टिवा
खुजली
जलन
पलकों पर पपड़ी

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आप भी आंख आने की समस्या से परेशान है तो आप होम्योपैथिक दवाओं के सेवन से इस समस्या से छुटकारा पा सकते है। आप अपने नजदीकी होम्योपैथिक डॉक्टर से संपर्क कर आंख आने की समस्या से छुटकारा पा सकते है। किसी तरह की परेशानी होने पर आप साहस होम्योपैथिक के विशेषज्ञ डा. एनसी पाण्डेय से संपर्क कर सकते है। अधिक जानकारी के लिए ऊपर दिये गये वीडियो को देखें।

दमा रोग का होम्योपैथिक उपचार

अक्सर दमा रोगी को सांस लेने में तकलीफ और कठिनाई महसूस होती है। दमा रोग सांस नलिकाओं में दोषों के कारण सुजन और विकारों के कारण नलिका का सिकुड़ जाने के कारण होता है। इसके कारण फेफड़ो में भी सुजन और कफ जम जाता है। अगर समय पर इलाज ना कराया तो यह रोग विकराल होता जाता है। दमा रोग से रोगी में घबरावट, घरघराहट, सीने में जकडऩ और और खांसी का आना स्वभाविक है। अगर आपभी दमा रोग से परेशन है तो आप होम्योपैथिक विधि से इसका उपचार कर सकते है।

आइये जानते है इसके लक्षण-

ठंड में या व्यायाम में ज्यादा
सामान्य से शुरु
सूखा बलगम
सांस लेने से घरघराहट
सीने में जकडऩ और
सांस के साथ सीने से सिटी की आवाज

दमा रोग के कारण-

एलजी
कोकरोच, दीमक
खाद्य पदार्थो के कारण
वायु प्रदुषण
अनुवांशिक
पराग कण
सर्दी और मौसम बदलाव
धुम्रपान
मोटापा

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आप भी दमा रोग की समस्या से परेशान है तो आप होम्योपैथिक दवाओं के सेवन से इस समस्या से छुटकारा पा सकते है। आप अपने नजदीकी होम्योपैथिक डॉक्टर से संपर्क कर दमा रोग की समस्या से छुटकारा पा सकते है। किसी तरह की परेशानी होने पर आप साहस होम्योपैथिक के विशेषज्ञ डा. एनसी पाण्डेय से संपर्क कर सकते है। अधिक जानकारी के लिए ऊपर दिये गये वीडियो को देखें।

हॉफने की समस्या

अगर आप बिना कारण हॉफने लगते है, तो इसका कारण कोई रोग हो सकता है। सॉँस का तेजी से चलना, सामान्यत: जवान और प्रौढ व्यक्ति हर मिनट में 16.20 बार श्वसन करते है। अर्थात कसरत के समय ये गती बढ़ जाती है, लेकिन बिना किसी शारीरिक श्रम के हॉफना। ये एक रोग है। हॉफना और कमजोरी दो अलग बातें है, लेकिन कभी-कभी वें एक साथ शुरू होती है। कमजोरी अर्थात श्रम करने की शक्ति की कमी, हॉफने कही तकलीफ हो तो तुरंत अपने डॉक्टर की सलाह ले। हॉफने की यह तकलीफ ज्यादातर हृदय, फेफड़े या खून की बिमारियों के कारण हो सकता है। अगर आप भी हाँफने की समस्या से परेशान है तो होम्योपैथी रोग का जड़ से भी इलाज करती है।

हांफने के लक्षण-

बेहोश होना
चक्कर आना
त्वचा में खुजली
फेफड़ों में जलन
गले में जलन
छाती से आवाज आना
दिल की गति तेज

आइये जानते है इसके कारण-

अस्थमा हांफने का एक कारण है।
पैनिक अटैक
व्यायाम करना
दम घुटना
संक्रमण
खून के थक्के
डायबिटिक

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आप भी हॉफने की समस्या से परेशान है तो आप होम्योपैथिक दवाओं के सेवन से इस समस्या से छुटकारा पा सकते है। आप अपने नजदीकी होम्योपैथिक डॉक्टर से संपर्क कर हॉफने की समस्या से छुटकारा पा सकते है। और होम्योपैथिक दवाइयों का उपयोग करें तो इन बीमारियों से बच सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए आप साहस
होम्योपैथिक क्लीनिक के विशेषज्ञ डॉ. एनसी पाण्डेय से संपर्क कर सकते है।

चेहरे पर झुर्रियां व दाग-धब्बे

चेहरे पर झुर्रियां आने से आपकी उम्र झलकने लगती है। झुर्रियां आने के कई कारण हो सकते हैं। उम्र बढऩे के साथ ही चेहरे पर झुर्रियां साफ दिखाई देने लगती हैं। मगर अफसोस यह है कि कम उम्र में भी लड़कियां इस परेशानी से जूझऩे लगती हैं। समय से पहले झुर्रियां होने के कई कारण हो सकते हैं। वैसे तो बाजार में ढेर सारी क्रीम मिलते हैं जो दावा करते हैं कि वो हफ्तेभर में चेहरे की झुर्रियों का सफाया कर देंगे। मगर असल में इनमें कोई दम नहीं होता। आप होम्योपैथिक विधि से झुरियों का बेहतर उपचार कर सकते है। आइये जानते है सबसे पहले इसके लक्षण क्या है।

चेहरे पर झुर्रियों के लक्षण-
त्वचा का अधिक पतला होना भी झुर्रियों को जन्म देता है।
आंखे मुंह और गर्दन के चारों ओर महीन रेखाएं दिखाई देना।
चेहरे और गर्दन पर त्वचा का ढीला होना।

झुर्रियों के कारण –

आनुवंशिक कारण के चलते झुर्रियां होती है।
बढ़ती उम्र के कारण त्वचा में बदलाव आता है।
धूम्रपान करने से भी झुर्रियां होती है।
अधिक समय तक धूप में रहने के कारण

उपचार-
झुर्रियों का मुख्य कारण बिगड़ी दिनचर्या और अनियमित खान-पान के अलावा अनिद्रा, चिंता और तनाव भी माना जाता है। ऐसे में अगर आपको भी असमय इस समस्या का सामना करना पड़ रहा है, तो परेशान होने की जरूरत नहीं है। आप डॉक्टर की सलाह पर होम्योपैथिक विधि से झुर्रियों का उपचार कर सकते है। अधिक जानकारी के लिए आप ऊपर दिया गया वीडियो देख सकते है।

किडनी की पथरी

किडनी स्टोन पर रोगी का अनुभव

किडनी स्टोन की परेशानी ज्यादा बढ़ जाये, इससे पहले ही उसका उपचार करा लें. बिना ऑपरेशन जल्द से जल्द ही इससे निजात पाने के लिए होम्योपैथिक उपचार आजमाए

Homeopathic Treatment

होमियोपैथ कैसे करते है औषधि चयन

होमियोपैथी में रोगों का जड़ से उपचार मौजूद है इसलिए इए एक कुशल होमियोपैथी को कुछ विशेष सिद्धांत के बारे में जानकारी होना अवश्यक है .