स्तनों से दूध का न आना

कभी-कभी बच्चे के जन्म के बाद स्त्री के स्तनों से दूध नहीं आता है। ऐसे में अक्सर बच्चा भूखा रह जाता है। बच्चे के भूखे रहने से वह बार-बार रोता है।
दूध की मात्रा के साथ-साथ इस बात कि चिंता रहती है कि बढ़ती जरुरतों की पूर्ति के लिए शिशु को पर्याप्त दूध मिल पा रहा है या नहीं। ऐसे में शिशु का वजन बढऩा और अपनी उम्र के अनुसार उसका सही विकास, इस बात का संकेत है कि आप पर्याप्त दूध का उत्पादन कर रही हैं। कई मामलो में दिनों में नवजात का वजन घटना सामान्य है, लेकिन जन्म के तीन से पांच दिन बाद फिर से उसका वजन बढऩे लगता है। जब शिशु 14 दिन का हो जाता है, तो उसका वजन फिर से उतना ही हो जाता है, जितना कि जन्म के समय था। आज हम आपकों बतायेंगे कैसे स्त्रियों के स्तनों में आप होम्योपैथिक विधि से दूध बढ़ा सकते है। जिससे बच्चे को कोई परेशानी न हो।

जानते है इसके लक्षण-

बच्चे का चिड़चिड़ाते हुए दूध पीना।
स्तनपान की अवधि कम हो जाना।
बार-बार स्तनपान करना।
स्तनों से दूध न बहना।
बिलकुल ही दूध न आना ।

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आप भी स्तनों में दूध की कमी का सामना कर रहे है। आप होम्योपैथिक दवाओं के सेवन से इस समस्या से छुटकारा पा सकते है। आप अपने नजदीकी होम्योपैथिक डॉक्टर से संपर्क कर स्तनों मेें दूध की कमी की समस्या से छुटकारा पा सकते है। अधिक जानकारी के लिए आप साहस होम्योपैथिक के विशेषज्ञ डा. एनसी पाण्डेय से संपर्क कर सकते है।

रूसी का होम्योपैथिक उपचार

बालों में रूसी एक सामान्य क्रोनिक स्कैल्प की स्थिति है, जिसमें सिर पर डेड स्किन सेल की परत बन जाती है। सिर में ड्राई नेस और इचिंग होती है। यह कभी-कभी झडक़र आपके कपड़े और कंधे पर भी गिर सकते हैं। बालो में रुसी होने पर परेशान न हों। बदलते मौसम में बालों के गिरना और सिर में डैंड्रफ होना एक आम बात हो गई है नए जमाने की जीवनशैली में 80 फीसदी लोगों के सिर में रूसी की समस्या देखी जाती है। खासकर सर्दियों में स्कल्प रूखा होने की वजह से डेंड्रफ जल्दी होता है। वैसे तो डैंड्रफ को किसी औपचारिक परिचय की आवश्यकता नहीं है, लेकिन इसे स्कैल्प की डेड स्किन सेल्स को बहा देने के रूप में जाना जाता है जिसमें स्किन सेल्स मर जाते हैं।ज्यादातर लोगों के लिए यह एक निरंतर समस्या है। आज हम आपको बतायेंगे कैसे आप होम्योपैथिक विधि से रूसी की समस्या सके निजात पा सकते है।

रूसी के कारण-

ऑयली बाल
थायराइड की समस्या
बरसात का मौसम
सर्दियों में गर्म पानी का इस्तेमाल
हार्ड शैंपू का ज्यादा प्रयोग

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आप भी रूसी की समस्या सामना कर रहे है। आप होम्योपैथिक दवाओं के सेवन से इस समस्या से छुटकारा पा सकते है। आप अपने नजदीकी होम्योपैथिक डॉक्टर से संपर्क कर रूसी की समस्या से छुटकारा पा सकते है। अधिक जानकारी के लिए आप साहस होम्योपैथिक के विशेषज्ञ डा. एनसी पाण्डेय से संपर्क कर सकते है।

घमौरियों का होम्योपैथिक उपचार

गर्मी का मौसम आते ही घमौरियां अपने तेवर दिखाना शुरू कर देती हैं। गर्मी में घमोरियों की समस्या शुरू हो जाती है। घमोरियों से अक्सर लोग परेशान होने लगते हैं। कुछ लोग घमोरियां मिटाने के नुस्खे भी अपनाने लगते हैं लेकिन वो असरदार नहीं होते। घमोरी छोट-.छोटे लाल दाने के आकार में होती हैं, जिनमें खुजली और जलन होती रहती है। यह पीठ, छाती, बगल व कमर के आसपास ज्यादा होती हैं। घमोरी किसी भी उम्र में हो सकती है। आप अगर घमौरियों से परेशान है तो होम्योपैथिक विधि से इसका उपचार कर सकते है।

आइये जानते है घमौरियों के लक्षण-

कपड़ों से भी चुभन
शरीर में लगातार खुजली
छोटे-छोटे लाल रंग के दाने आना
शरीर पर जलन होना
शरीर से पसीना निकलना

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आप भी घमौरियों की समस्या सामना कर रहे है। आप होम्योपैथिक दवाओं के सेवन से इस समस्या से छुटकारा पा सकते है। आप अपने नजदीकी होम्योपैथिक डॉक्टर से संपर्क कर घमौरियों की समस्या से छुटकारा पा सकते है। अधिक जानकारी के लिए आप साहस होम्योपैथिक के विशेषज्ञ डा. एनसी पाण्डेय से संपर्क कर सकते है।

टॉलेट में खून आना

मल में खून आना बहुत ही आम बीमारी है और यह किसी भी उम्र के लोगों को हो सकती है। अगर ज्यादा खून नजर आ रहा हो तो यह मरीज के लिए बहुत खतरनाक हो सकता है। अगर कम खून आ रहा हो तो लोग अक्सर उसे नजरअंदाज कर देते हैं। लेकिन, एक बात याद रखने की है कि किसी भी हालत में इसकी अनदेखी नहीं करनी चाहिए। मल में खून आना आमतौर पर बवासीर की वजह से होता है। वही ज्यादातर मामलों में यह दर्द रहित होता है और खून का रंग चमकीला लाल होता है। यह मरीज के लिए बहुत खतरनाक होता है। फिशर की वजह से भी ऐसा हो सकता है। इसमें शौच करते समय बहुत अधिक दर्द का अहसास होता है। आज हम आपको बतायेंगे कैसे आप होम्योपैथिक विधि से इसका उपचार कर सकते है।

आइये जानते है इसके लक्षण-

अचानक से पेशाब आना
पेशाब करने में परेशानी
पीठ या कमर में तरफ दर्द
पेट के निचले हिस्से में दर्द

ये है कारण-

बढ़ी हुई पौरुष ग्रंथि
मूत्राशय में कैंसर
गुर्दे का कैंसर
मूत्राशय में संक्रमण
गुर्दे में संक्रमण
गुर्दे में पथरी
यूरेथ्राइटिस

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आप भी टॉलेट में खून आने की समस्या सामना कर रहे है। आप होम्योपैथिक दवाओं के सेवन से इस समस्या से छुटकारा पा सकते है। आप अपने नजदीकी होम्योपैथिक डॉक्टर से संपर्क कर टॉलेट में खून आने से छुटकारा पा सकते है। आप ऊपर दिये गये वीडियो को ध्यान से देखकर अपना उपचार कर सकते है। अधिक जानकारी के लिए आप साहस होम्योपैथिक के विशेषज्ञ डा. एनसी पाण्डेय से संपर्क कर सकते है।

बदलते मौसम में सर्दी-जुखाम

अक्सर जब मौसम बदलता है तो लोगों को सदी, खांसी, बुखार, गले में खराश, उल्टी जैसी समस्या होती है। भले ही आप दिन में पँखे या एसी के नीचे रहते हों और आपको गर्मी लगती हो लेकिन शाम होते ही ठंड बढऩे लगी है। ऐसे में आपको अपनी सेहत के प्रति ज्यादा सचेत रहने की जरूरत है क्योंकि बदलते मौसम में जरा सी लापरवाही से आप बीमार पड़ सकते हैं। मौसम में बदलाव के कारण हमारा इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाता है जिससे इंफेक्शन होने का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में सर्दी-जुकाम, खांसी, गले में खराश और बुखार जैसी समस्याएँ हो सकती हैं। बीमारियां कब बढ़ जाती हैं और सेहत के लिए हानिकारक हो जाती है पता ही नहीं चलता है। आज हम आपको बताने जा रहे हैं कैसे आप होम्योपैथिक विधि से इस बदलते मौसम में बीमार होने से बच सकते हैं।

सर्दी के लक्षण-

बार-बार नाक का बंद हो जाना
सिर दर्द होना
सर्दी होने पर गले में खराश
नाक बहने की समस्या
हल्का बुखार होना

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आप भी सर्दी-जुखाम की समस्या सामना कर रहे है। आप होम्योपैथिक दवाओं के सेवन से इस समस्या से छुटकारा पा सकते है। आप अपने नजदीकी होम्योपैथिक डॉक्टर से संपर्क कर सर्दी-जुखाम से छुटकारा पा सकते है। आप ऊपर दिये गये वीडियो को ध्यान से देखकर अपना उपचार कर सकते है। अधिक जानकारी के लिए आप साहस होम्योपैथिक के विशेषज्ञ डा. एनसी पाण्डेय से संपर्क कर सकते है।

बच्चेदानी का कमजोर होना

स्त्रियों की योनि के अन्दर अक्सर घाव हो जाया करते हैं। ऐसे में जलन के साथ अत्यधिक पीड़ा होती है । वेजाइना स्पेक्यूलम एक विशेष यन्त्र से योनि को फैलाकर इन घावों को भली प्रकार देखा जा सकता है । ये घाव नये शोथ सूजन में पीप पड़ जाने और फुन्सियों के फूट जाने से हो जाया करते हैं । योनि में अत्यधिक खटास हो जाने से भी घाव हो जाया करते है । उपदंश तथा सुजाक रोगों के कारण भी योनि में घाव हो जाते हैं ।

कमजोर बच्चेदानी के लक्षण-

वजाइना से ब्लीडिंग होना
जरूरत से ज्यादा डिस्चार्ज होना
ऐसा महसूस होना जैसे आप किसी बॉल पर बैठे हो
सेक्स करते समय परेशानी
कब्ज बनना
वजाइना के आसपास दर्द

आइये जानते है कारण-

मानसिक कमजोरी
यूट्रस संबंधी कोई बीमारी
प्रसव
बाहरी या अंदरूनी चोट
खानपान की गलत आदत

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आप भी बच्चेदानी की कमजोरी से परेशान है तो आप होम्योपैथिक दवाओं के सेवन से इस समस्या से छुटकारा पा सकते है। आप अपने नजदीकी होम्योपैथिक डॉक्टर से संपर्क कर बच्चेदानी की कमजोरी से छुटकारा पा सकते है। और होम्योपैथिक दवाइयों का उपयोग करें तो इन बीमारियों से बच सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए आप साहस होम्योपैथिक के विशेषज्ञ डा. एनसी पाण्डेय से संपर्क कर सकते है।

सेक्स के दौरान योनि में दर्द

सेक्स करते समय महिला को योनि में दर्द होने की समस्या को ही डिसपेरुनिया कहते हैं। इसमें पेल्विक एरिया और उसके आसपास वाले हिस्सों में दर्द होता है। यह काफी हद तक शारीरिक समस्या के बजाय एक मनोवैज्ञानिक समस्या है। अधिकांश मामलों में महिलायें अपनी इस समस्या को जाहिर नहीं कर पाती हैं। हम यहां योनि में होने वाले ऐसे ही तीन तरह के दर्द के बारे में बता रहे हैं जिनसे किसी महिला के लिए सेक्स करना काफी पीड़ादायक हो जाता है, योनिमुख तीन हिस्सों में बंटा होता है लेबिया मजोरा एलेबिया माइनोरा और क्लाइटोरिस। योनि के इस हिस्से में सेक्स के दौरान जलन और खुजली होने लगती है फिर दर्द शुरू हो जाता है। आप होम्योपैथिक विधि द्वारा इसका उपचार कर सकते है।

दर्द के कारण-

योनि में जलन
बैक्टीरिया
वल्व वेस्टबुलिट्स
जेनिटल हप्र्स
मूत्र मार्ग में जलन

वैजाइनल पेन
चिकनाई की कमी
इन्फेक्शन
लेटेक्स कंडोम से होने वाली एलर्जी
डीप डिसपेरुनिया
पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिज़ीज
इंडोमेट्रीओसिस

यूटीआई

अगर आपको सेक्स के दौरान ऐसे दर्द का सामना करना पड़ रहा है तो आप तुरंत ही किसी स्त्री रोग विशेषज्ञ के पास जायें। आप होम्योपैथिक दवाओं के सेवन से इस समस्या से छुटकारा पा सकते है। आप अपने नजदीकी होम्योपैथिक डॉक्टर से संपर्क कर सेक्स के दौरान दर्द से छुटकारा पा सकते है। और होम्योपैथिक दवाइयों का उपयोग करें तो इन बीमारियों से बच सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए आप साहस होम्योपैथिक के विशेषज्ञ डा. एनसी पाण्डेय से संपर्क कर सकते है। https://sahashomeopathic.com/sex-problem-in-males/

दाद की होम्योपैथिक दवा

दाद त्वचा पर होने वाली पीड़ादायक समस्याओं में से एक है। जिसमें खुजली आती है और यह बहुत जल्दी फैलता भी है। दाद होने पर किसी भी काम में मन लगाना मुश्किल हो जाता है और ध्यान हमेशा दाग वाली जगह पर ही रहता है। दाद संक्रमण या डर्माटोफाइटिस त्वचा में होने वाला एक फंगल संक्रमण है। यह शुरू में शरीर के प्रभावित हिस्से में लाल धब्बे के साथ फैलता है और बाद में दूसरे हिस्सों में भी फैलने लगता है। यह संक्रमण दाढ़ी, कमर, खोपड़ी और शरीर के अन्य ‎हिस्सों पर त्वचा को प्रभावित करता है। दाद, लाल और खुजली वाले पैच, जैसे कई लक्षण होते है। आप होम्योपैथिक विधि से भी इसका उपचार कर सकते है।

दाद के कारण-

संक्रमित से संपर्क
नाखून में हल्की चोट
त्वचा के गीले रहने से
शरीर का गीला होना
संक्रमित वस्तु को छूना
बालों का न धोना
टाइट जूते पहनना

आइये जानते है इसके लक्षण-

त्वचा पर परतदार दाग
लाल चकत्ते
खुजली और जलन
फफोले जैसा बनना
बालों का झडऩा

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आप भी दाद की समस्या से परेशान है तो आप होम्योपैथिक दवाओं के सेवन से इस समस्या से छुटकारा पा सकते है। आप अपने नजदीकी होम्योपैथिक डॉक्टर से संपर्क कर दाद सेे छुटकारा पा सकते है। और होम्योपैथिक दवाइयों का उपयोग करें तो इन बीमारियों से बच सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए आप साहस होम्योपैथिक के विशेषज्ञ डा. एनसी पाण्डेय से संपर्क कर सकते है।

खसरा रोग का होम्योपैथिक उपचार

खसरा एक अत्यधिक संचारी रोग है जो रुग्णता के कारण होता है। यह वायरस संक्रमित बच्चे या वयस्क की नाक या ग्रसनी में प्रतिकृति बनाता है। यदि एक संक्रमित व्यक्ति खांसता है, छींकता है या बातचीत करता है, तो हवा में बूंदें फैल जाती हैं और अन्य लोग उन्हें अंदर जा सकते हैं। संक्रमित उंगलियों को अपने मुंह, नाक में डालते हैं या सतहों के संपर्क के बाद अपनी आंखों को रगड़ते हैं। एक बार खसरा हो जाता है, तो आपका शरीर प्रतिरोध विकसित करता है और इसलिए आप वास्तव में पुन: संक्रमित नहीं होते हैं। लेकिन, यह कई बार इंसेफेलाइटिस और निमोनिया जैसी गंभीर जटिलताओं का कारण बन सकता है। आज हम आपको बतायेंगे कैसे आप होम्योपैथिक विधि से इसका उपचार कर सकते है।

खसरे के कारण-

संक्रमित व्यक्ति सामान इस्तेमाल करने से
तौलिये या ब्रश से
वैक्सीन में बहरापन
मस्तिष्क क्षति
कोमा
बहरापन
विटामिन ए की कमी

आइये जानते है इसके लक्षण-

तेज बुखार
मुंह में छोटे भूरे-सफेद धब्बे
दर्द एवं पीड़ा
भूख में कमी
थकान
बहती या बंद नाक
छींक आना
गीली आखें
पफी पलकें
लाल और दुखती आंखें

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आप भी खसरा रोग से परेशान है तो आप होम्योपैथिक दवाओं के सेवन से इस समस्या से छुटकारा पा सकते है। आप अपने नजदीकी होम्योपैथिक डॉक्टर से संपर्क कर खसरा रोग से छुटकारा पा सकते है। और होम्योपैथिक दवाइयों का उपयोग करें तो इन बीमारियों से बच सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए आप साहस होम्योपैथिक के विशेषज्ञ डा. एनसी पाण्डेय से संपर्क कर सकते है।

कान में एक्जिमा

कान के एक्जिमा से जुड़े लक्षण व्यक्तियों में भिन्न होते हैं। कुछ त्वचा के घावों के कारण हल्के सूखापन और लालिमा होती है। त्वचा की हानि, अत्यधिक सूखापन और खराश के साथ गंभीर त्वचा बन जाती है। कान की त्वचा भी गहरी, दरार और छील सकती है। त्वचा के भीतर ये टूट बैक्टीरिया या कवक को घुसने देते हैं और जलन पैदा करने वाली खुजली को कान के संक्रमण में बदल देते हैं, जिससे सूजन, क्रस्टिंग और तरल पदार्थ के निर्वहन की विशेषता है। कान एक्जिमा एक त्वचा की स्थिति है जो कान के अंदर या बाहर जलन और सूजन का कारण बनती है। एक्जिमा शब्द वास्तव में एक सामान्य शब्द है े त्वचा में लालिमा, सूजन और रक्तस्राव हो सकता है। कान के एक्जिमा के संभावित कारणोंए लक्षणों और उपचार विकल्पों को समझनाए राहत प्राप्त करने के लिए आवश्यक है। आज हम आपको एक्जिमा का होम्योपैथिक उपचार बताते है। आइये जानते है एक्जिमा के लक्षण और कारण-

एक्जिमा के कारण-

खाद्य पदार्थ
आनुवांशिक
पामा
त्वचा की ठीक से देखभाल न करना
तनाव

आइये जानते है इसके लक्षण-

त्वचा का लाल होना
खुजलीदार पैच
त्वचार की पर खुरदरी
बैक्टीरिया

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आप भी कान के एक्जिमा परेशान है तो आप होम्योपैथिक दवाओं के सेवन से इस समस्या से छुटकारा पा सकते है। आप अपने नजदीकी होम्योपैथिक डॉक्टर से संपर्क कर कान के एक्जिमा से छुटकारा पा सकते है। और होम्योपैथिक दवाइयों का उपयोग करें तो इन बीमारियों से बच सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए आप साहस होम्योपैथिक के विशेषज्ञ डा. एनसी पाण्डेय से संपर्क कर सकते है।