Slipped Disc

स्लिप डिस्क

स्लिप डिस्क को किसी बीमारी के रूप में नहीं देखा गया है बल्कि ये शरीर में तकनीकी खराबी की तरह देखा गया है जिसमे स्पाइनल कॉर्ड से कुछ बाहर को आ जाता हैं। डिस्क में मौजूद जैली या कुशन जैसा हिस्सा कनेक्टिव टिश्यूज के सर्कल से बाहर की ओर निकल आता है और आगे बढ़ा हुआ हिस्सा स्पाइन कॉर्ड पर दबाव बनाता है। कई बार उम्र के साथ-साथ यह तरल पदार्थ सूखने लगता है या फिर अचानक झटके या दबाव से झिल्ली फट जाती है या कमजोर हो जाती है तो जैलीनुमा पदार्थ निकल कर नसों पर दबाव बनाने लगता है, जिसकी वजह से पैरों में दर्द या सुन्न होने की समस्या होती है।

हमारे शरीर की रीढ़ की हड्डी में 26 कशेरुकाएं होती हैं। एक कशेरुका तथा दूसरे कशेरुका के बीच उपास्थि (कर्टिलेग) का पैड होता है जिससे वह अपने स्थान से हटती नहीं और एक-दूसरे के साथ रगड़ भी नहीं खाती। कभी-कभी यह पैड घिस जाता है तब ये कशेरुका अपने स्थान से हट जाती है और रगड़ खाती रहती है। इसी को कशेरुका का अपने स्थान से हट जाने को ही स्लिप डिस्क कहते हैं। इनके अपने स्थान से हटने के कारण इस स्थान की नर्व कशेरुकाओं के बीच दब जाने से दर्द करने लगती है।
बहुत से लोग कमर के किसी भी प्रकार के दर्द को स्लिप-डिस्क कह दिया करते हैं जो कि बिल्कुल सही नहीं है।

स्लिप डिस्क होने के कारण
गलत तरीके से काम करने,
गलत तरह से बैठ कर पढ़ने,
उठने-बैठने या झुकने से डिस्क पर लगातार जोर पड़ता है इससे स्पाइन के न‌र्व्स पर दबाव आ जाता है जो कमर में लगातार होने वाले दर्द का कारण बनता है
बढ़ती उम्र के साथ भी स्लिप डिस्क का खतरा बना रहता है
अत्यधिक शारीरिक श्रम, गिरने, फिसलने, दुर्घटना में चोट लगने, देर तक ड्राइविंग करने से भी डिस्क पर प्रभाव पड सकता है।
कैल्शियम की कमी के कारण भी स्लिप डिस्क होने का खतरा बना रहता है

स्लिप डिस्क के लक्षण
रीढ की हड्डी पर दवाब पड़ना।
उठने-बैठने और चलने-फिरने में दिक्कत होना।
कभी दर्द का बहुत जल्दी ठीक हो जाना और कभी बहुत देर तक बना रहना।
कमर की मांसपेशियां कमजोर हो जाना।
पैरों की उंगलियां का सुन होना।
प्रभावित अंग में जलन होना
चलने में दर्द होना
रात के समय दर्द का बढ़ना

स्लिप डिस्क के लिए होम्योपैथिक उपचार

जानते हैं स्लिप डिस्क के लिए होम्योपैथिक दवाये :

Arnica Montana 200ch, की ५ बुँदे दिन में २ बार , ५ बुँदे सुबह और ५ बुँदे शाम को
Symphytum Officinals Q, की १५ से २० बुँदे, आधे कप पानी के साथ लें
Magnesium Phos 6x , की ४ गोली दिन में ३ बार, ४ गोली सवेरे, ४ गोली दिन में और ४ गोली शाम को

इन दवाओं को लेने के साथ साथ आप नियमित व्यायाम करें, भारी वजन न उठाये, सही पोस्चर में बैठे या चले ।