टॉन्सिल की बीमारी से है परेशान

अक्सर बदलते मौसम के कारण कई लोग गले में दर्द की शिकायत करते दिख रहे हैं। गले और फिर कानों में होने वाले दर्द को जुखाम से जोडक़र देखा जाता है, ब भी कोई व्यक्ति टॉन्सिल की बीमारी से परेशान होता है तो उसका खाना-पीना बंद हो जाता है। ऐसे में गले में बराबर दर्द होता रहता है। टॉन्सिल के कारण गले में जलन और सूजन हो जाती है। आमतौर पर जब किसी को टॉन्सिल रोग होता है तो रोगी होम्योपैथिक दवाओं का उपयोग करता है। आइये जानते है क्या है इसके कारण क्यों होते है टॉन्सिल।

आइये जाने है इसके कारण-

वायरल इन्फेक्शन का होना।
टॉन्सिलाइटिस में होने वाला सबसे सामान्य रोग है।
स्टेफिललोकोकस ऑरियस, निमोनिया
इन्फ्लुएंजा के कारण टॉन्सिल्स
कोरोनावायरस के कारण
बहुत ज्यादा ठण्डा खाने या पीने से
रोगप्रतिरोधक क्षमता कमजोर होने से।

इसके लक्षण-

अगर गले में दर्द और खरास हो।
निगलने में दिक्कत होने पर।
आवाज प्रभावित होने पर।
गले से लेकर कानों तक दर्द होने तक।
गले में दर्द के साथ सिरदर्द होने पर।
टॉन्सिल्स में दर्द होना व गला सूज जाना
बुखार आने पर।
गर्दन में दर्द व अकडऩ महसूस होने पर।

कैसे करें उपचार-

गले में टॉन्सिल होने पर मुंह के जरिए बैक्टीरिया के एंटर होने पर आपका इम्यून सिस्टम अलर्ट हो जाता है और पहले डिफेंस के रूप में टॉन्सिल्स में परेशानी होना शुरू हो जाती है। इससे बचने के लिए साफ.-सफाई का खास ध्यान रखें। बिना हाथ धोएं कुछ न खाएं। साथ ही बाहर का खाना खाने से बचें। टॉन्सिल को दूर करने के लिए हम होम्योपैथिक विधि का प्रयोग कर सकते है। अधिक जानकारी के लिए आप ऊपर दिये गये वीडियो को देखकर डॉक्टर एनसी पाण्डेय जी के बताये अनुसार उपचार कर सकते है।