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त्वचा पर सफेद दाग का होना

विटिलिगो (ल्यूकोडर्मा) एक प्रकार का त्वचा रोग है। इस बीमारी को समाज में कलंक के रूप में भी देखा जाता है। विटिलिगो किसी भी उम्र में शुरू हो सकता है, लेकिन विटिलिगो के आधा से ज्यादा मामलों में यह 20 साल की उम्र से पहले ही विकसित हो जाता है। आपको बता दें कि विटिलिगो एक प्रकार का त्वचा विकार है, जिसे सामान्यत ल्यूकोडर्मा के नाम से जाना जाता है। इसमें शरीर की स्वस्थ कोशिकाएं प्रभावित होती हैं। इस बीमारी का क्रम बेहद परिवर्तनीय है। हालांकि कुछ रोगियों में घाव स्थिर रहता है, बहुत ही धीरे-धीरे बढ़ता है, जबकि कुछ मामलों में यह रोग बहुत ही तेजी से बढ़ता है और कुछ ही महीनों में पूरे शरीर को ढक लेता है। वही कुछ मामलों में, त्वचा के रंग में खुद ब खुद पुनर्निर्माण भी देखा गया है।

सफेद दाग के कारण-

फैमिली हिस्ट्री, यानी अगर माता-पिता सफेद दाग से पीडि़त रहे हैं तो बच्चों में इसके होने की आशंका रहती है।
यह बीमारी, जिसमें छोटे-छोटे गोले के रूप में शरीर से बाल गायब होने लगते हैं।
स्किन का रंग बदलना शुरू कर देता है।
खराब क्वॉलिटी की चिपकाने वाली बिंदी या खराब प्लास्टिक की चप्पल इस्तेमाल करने से।
ज्यादा केमिकल एक्सपोजर यानी प्लास्टिक, रबर या केमिकल फैक्ट्री में काम करने वाले लोगों को खतरा ज्यादा होता है।
कई बार शरीर में जरूरी मात्रा में विटामिन्स व मिनरल्स की कमी से भी सफेद दाग की समस्या हो जाती है।
कई बार किसी फंगल संक्रमण
लीवर रोग।
जलने या चोट लगने से हो सकता है।
पाचन तंत्र खराब होने के कारण।
शरीर में कैल्शियम की कमी के चलते
बच्चों के पेट में कृमि।

पेशाब में झाग आना बीमारी का संकेत

सफेद दाग के घरेलू उपचार-

बथुए का पत्तियां लगाये या सब्जी खाये।
ऐलोवेरा जेल लगाये।
सरसों तेल का इस्तेमाल।
नीम की पत्ती।
अदरक।
छाछ।

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आप सफेद दाद से सफेद दाग से परेशान है तो आप इसे होम्योपैथिक उपचार द्वारा खत्म कर सकते है। चिकित्सक के सलाह पर आप होम्योपैथिक दवाइयों का उपयोग कर इस बीमारी से मुक्ति पा सकते है। अगर आपको होम्योपैथिक से उपचार में किसी तरह की परेशानी हो तो आप होम्योपैथिक चिकित्सा के विशेषज्ञ डॉ. एनसी पाण्डेय से संपर्क कर अपनी समस्या का समाधान कर सकते है।