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स्तनों से दूध का न आना

कभी-कभी बच्चे के जन्म के बाद स्त्री के स्तनों से दूध नहीं आता है। ऐसे में अक्सर बच्चा भूखा रह जाता है। बच्चे के भूखे रहने से वह बार-बार रोता है।
दूध की मात्रा के साथ-साथ इस बात कि चिंता रहती है कि बढ़ती जरुरतों की पूर्ति के लिए शिशु को पर्याप्त दूध मिल पा रहा है या नहीं। ऐसे में शिशु का वजन बढऩा और अपनी उम्र के अनुसार उसका सही विकास, इस बात का संकेत है कि आप पर्याप्त दूध का उत्पादन कर रही हैं। कई मामलो में दिनों में नवजात का वजन घटना सामान्य है, लेकिन जन्म के तीन से पांच दिन बाद फिर से उसका वजन बढऩे लगता है। जब शिशु 14 दिन का हो जाता है, तो उसका वजन फिर से उतना ही हो जाता है, जितना कि जन्म के समय था। आज हम आपकों बतायेंगे कैसे स्त्रियों के स्तनों में आप होम्योपैथिक विधि से दूध बढ़ा सकते है। जिससे बच्चे को कोई परेशानी न हो।

जानते है इसके लक्षण-

बच्चे का चिड़चिड़ाते हुए दूध पीना।
स्तनपान की अवधि कम हो जाना।
बार-बार स्तनपान करना।
स्तनों से दूध न बहना।
बिलकुल ही दूध न आना ।

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आप भी स्तनों में दूध की कमी का सामना कर रहे है। आप होम्योपैथिक दवाओं के सेवन से इस समस्या से छुटकारा पा सकते है। आप अपने नजदीकी होम्योपैथिक डॉक्टर से संपर्क कर स्तनों मेें दूध की कमी की समस्या से छुटकारा पा सकते है। अधिक जानकारी के लिए आप साहस होम्योपैथिक के विशेषज्ञ डा. एनसी पाण्डेय से संपर्क कर सकते है।