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पाइल्स और फिशर की परेशानी

जब आपकी गुदा या गुदा की नलिका में किसी प्रकार का कट या दरार बन जाती हैए तो उसे एनल फिशर कहते हैं। एनल फिशर अक्सर तब होता है जब आप मल त्याग के दौरान कठोर और बड़े आकार का मल त्याग करते हैं। वही बवासीर या पाइल्स एक ऐसी बीमारी है जिसमें एनस के अंदर और बाहरी हिस्से की शिराओं में सूजन आ जाती है। इसके कारण गुदा के अंदरूनी हिस्से में या बाहर के हिस्से में कुछ मस्से जैसे बन जाते हैंए जिनमें से कई बार खून निकलता है और दर्द भी होता है।

पाइल्स और फिशर में फर्क-

पाइल्स और फिशर का फर्क जानें कई बार पाइल्स और फिशर में लोग कंफ्यूज हो जाते हैं। फिशर भी गुदा का ही रोग हैए लेकिन इसमें गुदा में क्रैक हो जाता है। यह क्रैक छोटा सा भी हो सकता है और इतना बड़ा भी कि इससे खून आने लगता है।

पाइल्स-


50 वर्ष की आयु तक के अधिक लोगोें पर प्रभाव
गर्भावस्था में सामान्य रूप
आंतरिक या बाहरी

आइये जानते है इसके लक्षण-

मल त्याग के बाद खून आना।
मल के साथ खून आना।
कभी.कभी रक्त गुदा के आस.पास क्लॉट कर जाना।
पुरानी कब्ज का होना।
कठिन मल त्याग के कारण

आइये जानते है फिशर के बारे में-

गुदा के चारों ओर एक कट या दरार का होना।
शौच करने के लिए बहुत अधिक दबाव आना।
संक्रमित होने पर रक्त या मवाद आना।
कब्ज का होना।
दस्त का होना।
भारी व्यायाम करने से।

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आप पाइल्स या फिशर की समस्या से परेशान है तो आपको परेशान होने की जरूरत नहीं हैं आप ऊपर दिये गये वीडियो को देखकर पूरी जानकारी ले सकते है। अगर आपको होम्योपैथिक उपचार में कोई समस्या आये तो आप साहस होम्योपैथिक क्लीनिक के डाॅक्टर एनसी पाण्डेय से संपर्क कर पूरी जानकारी ले सकते है।