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हाथों का फटना

मानव शरीर की स्किन कई परतों में होती है लेकिन ऊपर की दो मुख्य परतें होती हैं। नीचे वाली परत में पसीना बनता है इसके अलावा नसें भी इसी के ठीक नीचे होती है। उसके नीचे फैट की परत होती है। हाथ से स्किन की परत का उखडऩा हर किसी के साथ होता है। लेकिन, जब कभी यह किसी के साथ होता है तो उसे गुस्सा आता है। हर इंसान को अपनी जिंदगी में इस समस्या से दो-चार होना पड़ता है। हाथों की देखभाल के लिए क्‍या-क्या करती हैं, फिर भी कई बार तेज ठंड और तेज गर्मी में आपके हाथों की त्‍वचा फट जाती है। यह समस्‍या सर्दियों में ज्यादा बढ़ जाती है। अगर आप आपने हाथों की फटी त्‍वचा को गंभीरता से नहीं लेते तो आगे चलकर यह आपके लिए बड़ी समस्या बन जाते हैं। आप होम्योपैथिक विधि से त्वचा के फटने की समस्या से छुटकारा पा सकते है।

आइये जानते है इसके कारण-

ठंड में त्वचा का पानी सूख जाता है। पानी की कमी से त्वचा फटने लगती है। हर त्वचा की प्रकृति अलग-अलग होती है। तैलीय त्वचा की अपेक्षा रूखी त्वचा का रूखापन सर्दियों में और बढ़ जाता है, जिससे त्वचा को नुकसान पहुंचता है। इससे बचने के लिए तेल की मालिश बहुत लाभकारी है। ऐसे कई कारण हैं, जिनकी वजह से आपकी उंगलियों से स्कीन पील होनी शुरु होती है। कुछ कारणों में रूखी त्‍वचा, सन बर्न, एक्‍जिमा, सिरोसिस, ठंड लगना, बार बार हाथों को धोना, कठोर कैमिकल का इस्तेमाल, एलर्जी, विटामिन की कमी या फिर अन्‍य अलग-अलग कारण हो सकते है।

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आप भी त्वचा फटने की समस्या से जूझ रहे है तो आप होम्योपैथिक दवाओं के सेवन से इस समस्या से छुटकारा पा सकते है। आप अपने नजदीकी होम्योपैथिक डॉक्टर से संपर्क कर त्वचा की फटने की समस्या से छुटकारा पा सकते है। और होम्योपैथिक दवाइयों का उपयोग करें तो इन बीमारियों से बच सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए आप साहस होम्योपैथिक क्लीनिक के विशेषज्ञ डॉ. एनसी पाण्डेय से संपर्क कर सकते है।