बच्चेदानी का कमजोर होना

स्त्रियों की योनि के अन्दर अक्सर घाव हो जाया करते हैं। ऐसे में जलन के साथ अत्यधिक पीड़ा होती है । वेजाइना स्पेक्यूलम एक विशेष यन्त्र से योनि को फैलाकर इन घावों को भली प्रकार देखा जा सकता है । ये घाव नये शोथ सूजन में पीप पड़ जाने और फुन्सियों के फूट जाने से हो जाया करते हैं । योनि में अत्यधिक खटास हो जाने से भी घाव हो जाया करते है । उपदंश तथा सुजाक रोगों के कारण भी योनि में घाव हो जाते हैं ।

कमजोर बच्चेदानी के लक्षण-

वजाइना से ब्लीडिंग होना
जरूरत से ज्यादा डिस्चार्ज होना
ऐसा महसूस होना जैसे आप किसी बॉल पर बैठे हो
सेक्स करते समय परेशानी
कब्ज बनना
वजाइना के आसपास दर्द

आइये जानते है कारण-

मानसिक कमजोरी
यूट्रस संबंधी कोई बीमारी
प्रसव
बाहरी या अंदरूनी चोट
खानपान की गलत आदत

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आप भी बच्चेदानी की कमजोरी से परेशान है तो आप होम्योपैथिक दवाओं के सेवन से इस समस्या से छुटकारा पा सकते है। आप अपने नजदीकी होम्योपैथिक डॉक्टर से संपर्क कर बच्चेदानी की कमजोरी से छुटकारा पा सकते है। और होम्योपैथिक दवाइयों का उपयोग करें तो इन बीमारियों से बच सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए आप साहस होम्योपैथिक के विशेषज्ञ डा. एनसी पाण्डेय से संपर्क कर सकते है।

सेक्स के दौरान योनि में दर्द

सेक्स करते समय महिला को योनि में दर्द होने की समस्या को ही डिसपेरुनिया कहते हैं। इसमें पेल्विक एरिया और उसके आसपास वाले हिस्सों में दर्द होता है। यह काफी हद तक शारीरिक समस्या के बजाय एक मनोवैज्ञानिक समस्या है। अधिकांश मामलों में महिलायें अपनी इस समस्या को जाहिर नहीं कर पाती हैं। हम यहां योनि में होने वाले ऐसे ही तीन तरह के दर्द के बारे में बता रहे हैं जिनसे किसी महिला के लिए सेक्स करना काफी पीड़ादायक हो जाता है, योनिमुख तीन हिस्सों में बंटा होता है लेबिया मजोरा एलेबिया माइनोरा और क्लाइटोरिस। योनि के इस हिस्से में सेक्स के दौरान जलन और खुजली होने लगती है फिर दर्द शुरू हो जाता है। आप होम्योपैथिक विधि द्वारा इसका उपचार कर सकते है।

दर्द के कारण-

योनि में जलन
बैक्टीरिया
वल्व वेस्टबुलिट्स
जेनिटल हप्र्स
मूत्र मार्ग में जलन

वैजाइनल पेन
चिकनाई की कमी
इन्फेक्शन
लेटेक्स कंडोम से होने वाली एलर्जी
डीप डिसपेरुनिया
पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिज़ीज
इंडोमेट्रीओसिस

यूटीआई

अगर आपको सेक्स के दौरान ऐसे दर्द का सामना करना पड़ रहा है तो आप तुरंत ही किसी स्त्री रोग विशेषज्ञ के पास जायें। आप होम्योपैथिक दवाओं के सेवन से इस समस्या से छुटकारा पा सकते है। आप अपने नजदीकी होम्योपैथिक डॉक्टर से संपर्क कर सेक्स के दौरान दर्द से छुटकारा पा सकते है। और होम्योपैथिक दवाइयों का उपयोग करें तो इन बीमारियों से बच सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए आप साहस होम्योपैथिक के विशेषज्ञ डा. एनसी पाण्डेय से संपर्क कर सकते है। https://sahashomeopathic.com/sex-problem-in-males/

दाद की होम्योपैथिक दवा

दाद त्वचा पर होने वाली पीड़ादायक समस्याओं में से एक है। जिसमें खुजली आती है और यह बहुत जल्दी फैलता भी है। दाद होने पर किसी भी काम में मन लगाना मुश्किल हो जाता है और ध्यान हमेशा दाग वाली जगह पर ही रहता है। दाद संक्रमण या डर्माटोफाइटिस त्वचा में होने वाला एक फंगल संक्रमण है। यह शुरू में शरीर के प्रभावित हिस्से में लाल धब्बे के साथ फैलता है और बाद में दूसरे हिस्सों में भी फैलने लगता है। यह संक्रमण दाढ़ी, कमर, खोपड़ी और शरीर के अन्य ‎हिस्सों पर त्वचा को प्रभावित करता है। दाद, लाल और खुजली वाले पैच, जैसे कई लक्षण होते है। आप होम्योपैथिक विधि से भी इसका उपचार कर सकते है।

दाद के कारण-

संक्रमित से संपर्क
नाखून में हल्की चोट
त्वचा के गीले रहने से
शरीर का गीला होना
संक्रमित वस्तु को छूना
बालों का न धोना
टाइट जूते पहनना

आइये जानते है इसके लक्षण-

त्वचा पर परतदार दाग
लाल चकत्ते
खुजली और जलन
फफोले जैसा बनना
बालों का झडऩा

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आप भी दाद की समस्या से परेशान है तो आप होम्योपैथिक दवाओं के सेवन से इस समस्या से छुटकारा पा सकते है। आप अपने नजदीकी होम्योपैथिक डॉक्टर से संपर्क कर दाद सेे छुटकारा पा सकते है। और होम्योपैथिक दवाइयों का उपयोग करें तो इन बीमारियों से बच सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए आप साहस होम्योपैथिक के विशेषज्ञ डा. एनसी पाण्डेय से संपर्क कर सकते है।

खसरा रोग का होम्योपैथिक उपचार

खसरा एक अत्यधिक संचारी रोग है जो रुग्णता के कारण होता है। यह वायरस संक्रमित बच्चे या वयस्क की नाक या ग्रसनी में प्रतिकृति बनाता है। यदि एक संक्रमित व्यक्ति खांसता है, छींकता है या बातचीत करता है, तो हवा में बूंदें फैल जाती हैं और अन्य लोग उन्हें अंदर जा सकते हैं। संक्रमित उंगलियों को अपने मुंह, नाक में डालते हैं या सतहों के संपर्क के बाद अपनी आंखों को रगड़ते हैं। एक बार खसरा हो जाता है, तो आपका शरीर प्रतिरोध विकसित करता है और इसलिए आप वास्तव में पुन: संक्रमित नहीं होते हैं। लेकिन, यह कई बार इंसेफेलाइटिस और निमोनिया जैसी गंभीर जटिलताओं का कारण बन सकता है। आज हम आपको बतायेंगे कैसे आप होम्योपैथिक विधि से इसका उपचार कर सकते है।

खसरे के कारण-

संक्रमित व्यक्ति सामान इस्तेमाल करने से
तौलिये या ब्रश से
वैक्सीन में बहरापन
मस्तिष्क क्षति
कोमा
बहरापन
विटामिन ए की कमी

आइये जानते है इसके लक्षण-

तेज बुखार
मुंह में छोटे भूरे-सफेद धब्बे
दर्द एवं पीड़ा
भूख में कमी
थकान
बहती या बंद नाक
छींक आना
गीली आखें
पफी पलकें
लाल और दुखती आंखें

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आप भी खसरा रोग से परेशान है तो आप होम्योपैथिक दवाओं के सेवन से इस समस्या से छुटकारा पा सकते है। आप अपने नजदीकी होम्योपैथिक डॉक्टर से संपर्क कर खसरा रोग से छुटकारा पा सकते है। और होम्योपैथिक दवाइयों का उपयोग करें तो इन बीमारियों से बच सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए आप साहस होम्योपैथिक के विशेषज्ञ डा. एनसी पाण्डेय से संपर्क कर सकते है।

कान में एक्जिमा

कान के एक्जिमा से जुड़े लक्षण व्यक्तियों में भिन्न होते हैं। कुछ त्वचा के घावों के कारण हल्के सूखापन और लालिमा होती है। त्वचा की हानि, अत्यधिक सूखापन और खराश के साथ गंभीर त्वचा बन जाती है। कान की त्वचा भी गहरी, दरार और छील सकती है। त्वचा के भीतर ये टूट बैक्टीरिया या कवक को घुसने देते हैं और जलन पैदा करने वाली खुजली को कान के संक्रमण में बदल देते हैं, जिससे सूजन, क्रस्टिंग और तरल पदार्थ के निर्वहन की विशेषता है। कान एक्जिमा एक त्वचा की स्थिति है जो कान के अंदर या बाहर जलन और सूजन का कारण बनती है। एक्जिमा शब्द वास्तव में एक सामान्य शब्द है े त्वचा में लालिमा, सूजन और रक्तस्राव हो सकता है। कान के एक्जिमा के संभावित कारणोंए लक्षणों और उपचार विकल्पों को समझनाए राहत प्राप्त करने के लिए आवश्यक है। आज हम आपको एक्जिमा का होम्योपैथिक उपचार बताते है। आइये जानते है एक्जिमा के लक्षण और कारण-

एक्जिमा के कारण-

खाद्य पदार्थ
आनुवांशिक
पामा
त्वचा की ठीक से देखभाल न करना
तनाव

आइये जानते है इसके लक्षण-

त्वचा का लाल होना
खुजलीदार पैच
त्वचार की पर खुरदरी
बैक्टीरिया

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आप भी कान के एक्जिमा परेशान है तो आप होम्योपैथिक दवाओं के सेवन से इस समस्या से छुटकारा पा सकते है। आप अपने नजदीकी होम्योपैथिक डॉक्टर से संपर्क कर कान के एक्जिमा से छुटकारा पा सकते है। और होम्योपैथिक दवाइयों का उपयोग करें तो इन बीमारियों से बच सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए आप साहस होम्योपैथिक के विशेषज्ञ डा. एनसी पाण्डेय से संपर्क कर सकते है।

अक्ल दाढ़ में दर्द

अगर आपके अक्ल दाढ़ आ चुकी है, तो आप दर्द का अहसास कर चुके है। दाढ़ मसूड़ों के सबसे अंत में आती है। अक्ल दाढ़ 17 से 25 साल के बीच आती है। कुछ लोगों को अक्ल दाढ़ काफी दिनों बाद आती है। अगर आपकी अभी तक अक्ल दाढ़ नहीं आई है। अक्ल दाढ़ आने के दौरान बहुत ही अधिक दर्द होता है। जब अक्ल दाढ़ आती है, तो उन्हें पूरी जगह नहीं मिल पाती है। आज हम बतायेंगे आपकों अक्ल दाढ़ के दर्द का होम्योपैथिक विधि से छु़टकारा पा सकते है। आइये जानते है इसके लक्षण और कारण-

अक्ल दाढ़ आने के लक्षण-

सिर दर्द
मुंह से दुर्गंध आना
बुखार आना
चेहरे में सूजन
मसूड़ों और गर्दन के आसपास सूजन
मुंह का स्वाद खराब होना
दांतों के आसपास तेज दर्द
खाने-पीने में परेशानी

दर्द होने के कारण-

अक्सर अक्ल दाढ़ आने के दौरान होने वाले दर्द की कई वजह हो सकती है। मुंह के अन्य दांत टेढ़-मेढ़े होने से भी काफी दर्द होता है। अक्ल दांढ़ को जगह नहीं मिल पाती। ऐसे में वे अपनी जगह बनाने के लिए अन्य दांतों को पुश करते है। इस वजह से भी दांतों में दर्द होता है।

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आप भी अक्ल दाढ़ के दर्द से परेशान है तो आप होम्योपैथिक दवाओं के सेवन से इस समस्या से छुटकारा पा सकते है। आप अपने नजदीकी होम्योपैथिक डॉक्टर से संपर्क कर अक्ल दाढ़ के दर्द से छुटकारा पा सकते है। और होम्योपैथिक दवाइयों का उपयोग करें तो इन बीमारियों से बच सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए आप साहस होम्योपैथिक के विशेषज्ञ डा. एनसी पाण्डेय से संपर्क कर सकते है।

पेप्टिक अल्सर की समस्या

पेट का अल्सर बहुत ही दर्दनाक बीमारी है जिसमें पेट में छाले या घाव जैसा हो जाता है। वैसे तो यह बहुत खतरनाक नहीं है और समय रहते इलाज कराने पर ठीक हो जाता है, लेकिन सही समय पर उपचार न कराने से यदि अल्सर फूट जाता है तो यह बेहद खतरनाक हो सकता है। अल्सर का सही समय पर इलाज कराने के लिए उसके लक्षणों की पहचान ज़रूरी है। पेप्टिक अल्सर पेट की अंदरूनी सतह पर बनने वाले छाले होते हैं। समय पर इलाज न मिलने पर ये छाले जख्म में बदल जाते हैं। इसके बाद मरीज को कई तरह की दिक्कतें होने लगती हैं। पेप्टिक अल्सर या गैस्ट्रिक अल्सर अमाशय या छोटी आंत के ऊपरी हिस्से में होता है। यह तब बनता है, जब भोजन पचाने वाला अम्ल अमाशय या आंत की दीवारों को नुकसान पहुंचाने लगता है। खानपान की गलत आदतों और उसके कारण बनने वाला एसिड इस बीमारी को अधिक बढ़ा देता है। आइए आपको बताते हैं कि पेप्टिक अल्सर क्या है, इसके लक्षण क्या है। कैसे हम होम्योपैथिक विधि से इसका उपचार कर सकते है।

अल्सर के कारण

समय पर खाना नहीं खाना
अधिक तेल मसाले वाला खाना
जंक फूड
पेट में एसिड का बढऩा
चाय
कॉफी का सेवन
सिगरेट व शराब का सेवन

अल्सर के लक्षण-

वजन कम होना
पेट में एसिड बनना
पेट के ऊपरी हिस्से दर्द
खून की उल्टी

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आप भी अल्सर की समस्या से परेशान है तो आप होम्योपैथिक दवाओं के सेवन से इस समस्या से छुटकारा पा सकते है। आप अपने नजदीकी होम्योपैथिक डॉक्टर से संपर्क कर अल्सर की समस्या से छुटकारा पा सकते है। और होम्योपैथिक दवाइयों का उपयोग करें तो इन बीमारियों से बच सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए आप ऊपर दिये गये वीडियो को देखें।

रतौंधी की समस्या

रतौंधी आंखों की एक ऐसी बीमारी है जिसमें रोगी को रात के समय कुछ नजर नहीं आता, लेकिन वो दिन के समय अच्छे से देख पाते हैं। इस रोग के दौरान आंख कम रोशनी की स्थिति में अनुकूल नहीं हो पाती हैं, इसलिए रात के समय देखने की शक्ति खत्म हो जाती हैं। रतौंधी या निएक्टालोपिया नेत्र विकार का एक मौजूदा परिणाम है। आज हम आपको आंखों की एक तरह की बीमारी रतौंधी के बारे में बताने जा रहे हैं जिसके बारे में जानना हम सभी के लिए जरूरी है, आइए आपको बताते हैं कि रतौंधी क्या है, इसके लक्षण क्या है। कैसे हम होम्योपैथिक विधि से इसका उपचार कर सकते है।

रतौंधी के लक्षण-

आंख में दर्द
सिर दर्द
उल्टी
जी मिचलाना
धुंधली दृष्टि
दूरी में देखने मेें समस्या

आइये जानते है इसके कारण-

पिगमेंटोसा
विटामिन की कमी
मोतियांबिंद
निकट दृष्टि दोष
बढ़ती उम्र
आहार में कमी
अनुवांशिकता

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आप भी रतौंधी की समस्या से परेशान है तो आप होम्योपैथिक दवाओं के सेवन से इस समस्या से छुटकारा पा सकते है। आप अपने नजदीकी होम्योपैथिक डॉक्टर से संपर्क कर रतौंधी की समस्या से छुटकारा पा सकते है। और होम्योपैथिक दवाइयों का उपयोग करें तो इन बीमारियों से बच सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए आप साहस होम्योपैथिक क्लीनिक के विशेषज्ञ डॉ. एनसी पाण्डेय से संपर्क कर सकते है।

बच्चों में ऐसे करें कोरोना वायरस की पहचान

कोरोना संक्रमण के केस बच्चों में बहुत ही कम देखने को मिल रहे थे, जो बच्चे इस बीमारी से संक्रमित हुए भी उनमें फ्लू के लक्षण या सीजनल बीमारियों के लक्षण अधिक देखने को मिल रहे थे। अब बच्चों में कोरोना के मामले बढऩे लगे हैं। कोरोना बच्चों में अपने लक्षणों के साथ हावी नहीं हो रहा है। बच्चों में कोरोना वायरस संक्रमण के लक्षण वयस्कों के मुकाबले थोड़े अलग और देर से भी दिखते हैं। न सिर्फ बच्चों में संक्रमण का कम गंभीर रूप दिखता है, बल्कि लक्षण भी अलग तरीके से नजऱ आते हैं। वयस्कों की तुलना बच्चों के लिए वैक्सीन इतनी जल्दी उपलब्ध नहीं होगी। कई शहरों में स्कूलों को धीरे-धीरे खोलने की तैयारी ज़रूर की जा रही है। ऐसे में ज़रूरी है ये जानना कि बच्चों में कोरोना वायरस के शुरुआती लक्षण कैसे होते हैं।

बच्चों में कोरोना वायरस के लक्षण-

बुख़ार
थकावट और ऊर्जा की कमी
सिर दर्द
सूंघने की शक्ति या स्वाद न आना
बच्चों में गले में खऱाश
नाक बहना
दस्त
बदन दर्द
भूख न लगना

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आपके बच्चे में भी ये लक्षण है तो आप तुंरत डॉक्टर को दिखाये। आप होम्योपैथिक दवाओं के सेवन से इस समस्या से छुटकारा पा सकते है। आप अपने नजदीकी होम्योपैथिक डॉक्टर से संपर्क कर ऐसे समस्याओं से छुटकारा पा सकते है। और होम्योपैथिक दवाइयों का उपयोग करें तो इन बीमारियों से बच सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए आप साहस होम्योपैथिक क्लीनिक के विशेषज्ञ डॉ. एनसी पाण्डेय से संपर्क कर सकते है।

बार-बार मिसकैरेज की समस्या

इस बात में कोई शक नहीं कि मां बनना एक बहुत ही खूबसूरत एहसास होता है। वहीं मिसकैरेज उतना ही दर्दनाक होता है। यह महिला को फिजीकली और इमोशनली झकझोर के रख देता है। मिसकैरेज होने के कई कारण होते हैं, जैसे भारी सामान उठाना, शराब की लत, स्मोकिंग आदि। वहीं अगर आपका भी कई बार मिसकैरेज हो चुका हैए तो ऐसे में आपको हम आज कुछ बातें बताने जा रहे हैं। जिस पर ध्यान देने से आपके प्रेग्नेंट होने के चांस बढ़ सकते हैं। कई बार महिलाओं को मिसकैरेज के बाद ब्लीडिंग होती है। वहीं कुछ महिलाओं को बहुत ज्यादा ही ब्ली़डिंग होती है। अगर आपको 4 हफ्तों से ज्यादा ब्लीडिंग हो रही है, तो आपको इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।आप होम्योपैथिक दवाओं को सेवन कर मिसकैरेज की समस्या से छुटकारा पा सकते है।

आइये जानते है मिसकैरेज के कारण-

रोग प्रतिरोधक क्षमता
ब्लड क्लॉटिंग की समस्या
हार्मोनल असंतुलन
थायरॉयड या मधुमेह
गर्भ या गर्भाशय में समस्या
बहुत ज्यादा धूम्रपान
क्रोमोजोम असामान्यता
इम्यूनोलॉजी डिसऑर्डर
पीसीओएस

मिसकैरेज के लक्षण-

वजाइनल डिस्चार्ज
पेट में अत्यधिक दर्द
संकुचन महसूस होना
वजन घटना

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आपके मियकैरेज की समस्या से परेशान है तो आप तुंरत डॉक्टर को दिखाये।े आप होम्योपैथिक दवाओं के सेवन से इस समस्या से छुटकारा पा सकते है। आप अपने नजदीकी होम्योपैथिक डॉक्टर से संपर्क कर ऐसे समस्याओं से छुटकारा पा सकते है। और होम्योपैथिक दवाइयों का उपयोग करें तो इन बीमारियों से बच सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए आप साहस होम्योपैथिक क्लीनिक के विशेषज्ञ डॉ. एनसी पाण्डेय से संपर्क कर सकते है।