Allergy Bronchitis

आस्थमा जिसे दमा भी कहा जाता हैं, ये श्वसन तंत्र की बीमारी है जिसके कारण सांस लेना मुश्किल हो जाता है। क्योंकि श्वसन मार्ग में सूजन आ जाने के कारण वह संकुचित हो जाती है। इस कारण छोटी-छोटी सांस लेनी पड़ती है, छाती मे कसाव जैसा महसूस होता है, सांस फूलने लगती है और बार-बार खांसी आती है। इस बीमारी के होने का विशेष उम्र बंधन नहीं होता है। किसी भी उम्र में कभी भी ये बीमारी हो सकती है। आम तौर पर अगर परिवार में आनुवांशिकता के तौर पर अस्थमा की बीमारी है तो इसके होने की संभावना बढ़ जाती है। अस्थमा कभी भी ठीक नहीं हो सकता है लेकिन कई प्रकार के ट्रीटमेंट के द्वारा इसके लक्षणों को नियंत्रण में लाया जा सकता है या बेहतर रहने की कोशिश की जा सकती है। फेफड़ों में हवा के प्रवाह में रुकावट होने पर अस्थमा अटैक होता है।

अस्थमा के कारण –
अस्थमा के कई कारण है, जानते हैं कुछ सामान्य कारण :

अधिक दवाओं का सेवन
किसी गंभीर बीमारी के कारण
एलर्जी
वायु प्रदूषण
धूम्रपान और तंबाकू
श्वसन संक्रमण
जेनेटिक्स (आनुवांशिक)
मौसम के कारण
मोटापा
तनाव

अस्थमा (दमा) के लक्षण –

अस्थमा के कुछ सामान्य लक्षण निम्न हैं :-

खाँसी
घरघराहट
साँस लेने में तकलीफ
सीने में जकड़न या दर्द
लगातार सर्दी और खांसी
नींद में बेचैनी
थकान

अस्थमा के लिए कुछ होम्योपैथिक दवाएं :
Arsenicum Album 30ch की 2-2 बुँदे, दिन में 3 बार ( २ बुँदे सवेरे, २ बुँदे दिन में, २ बुँदे शाम को )
Blatta Orientalis Q की २० बुँदे, दिन में ३ बार आधे कप गुनगुने पानी के साथ (२० बुँदे सवेरे, २० बुँदे दिन में, २० बुँदे शाम को )
ADEL 10 की १५-२० बुँदे, दिन में ३ बार आधे कप गुनगुने पानी के साथ (२० बुँदे सवेरे, २० बुँदे दिन में, २० बुँदे शाम को )
साथ ही तली भुनी चीज़ो का सेवन न करें और ज्यादा मसालेदार खाना न खाये, भाँप लें और व्यायाम या योग करें ।