आर्सेनिक का होम्योपैथिक उपचार

आर्सेनिक मानव शरीर के लिए जहरीला असर पैदा करता है, आर्सेनिक.पॉइजनिंग को चिकित्सकीय भाषा में आर्सेनिकोसिस कहते हैं। यह मानव शरीर में उपलब्ध आवश्यक एंजाइम्स पर नकारात्मक प्रभाव छोड़ता है और जिसकी वजह से शरीर के बहुत से अंग काम करना बंद कर देते हैंए अंत में इसकी कारण रोगी की मौत हो जाती है। सामान्यतः मानव शरीर आर्सेनिक के बहुत कम मात्रा का आदी होता हैए जो मूत्र के जरिए बाहर निकल जाता है। अगर अधिक मात्रा में आर्सेनिक का सेवन होने लगे तो यह शरीर के अंदर ही रह जाता है। और आर्सेनिक शरीर पर तरहण्तरह के नकारात्मक असर छोड़ता रहता है। आइये जानते है कैसे हम आर्सेनिक का होम्योपैथिक उपचार कर सकते है।

आर्सेनिक के लक्षण-

कमजोरी
कंजाक्तिवाईटिस
हिपेटोमिगेली
पोर्टल उच्च रक्तचाप
पेटए आंत और अग्न्याशय की रक्त वाहिकाओं में उच्च रक्तचाप
फेफड़ों के रोग
पोलीन्यूरोपैथी
अंगों में सूजन
हृदय सम्बंधी रोग
उच्च रक्तचाप
एनीमिया

आर्सेनिक के कारण-

अधिक मोटा होना
हथेलियों पर
तलवों और पीठ के निचले हिस्से में दर्द होना
पेट दर्द
उल्टीए दस्त
असामान्य दिल की धड़कन
रक्त वाहिकाओं को नुकसान
आंशिक पक्षाघात
अंधापन
ऐंठन

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आप आर्सेनिक की समस्या से परेशान है तो आपको परेशान होने की जरूरत नहीं हैं आप ऊपर दिये गये वीडियो को देखकर पूरी जानकारी ले सकते है। अगर आपको होम्योपैथिक उपचार में कोई समस्या आये तो आप साहस होम्योपैथिक क्लीनिक के डाॅक्टर एनसी पाण्डेय से संपर्क कर पूरी जानकारी ले सकते है।

पाइल्स और फिशर की परेशानी

जब आपकी गुदा या गुदा की नलिका में किसी प्रकार का कट या दरार बन जाती हैए तो उसे एनल फिशर कहते हैं। एनल फिशर अक्सर तब होता है जब आप मल त्याग के दौरान कठोर और बड़े आकार का मल त्याग करते हैं। वही बवासीर या पाइल्स एक ऐसी बीमारी है जिसमें एनस के अंदर और बाहरी हिस्से की शिराओं में सूजन आ जाती है। इसके कारण गुदा के अंदरूनी हिस्से में या बाहर के हिस्से में कुछ मस्से जैसे बन जाते हैंए जिनमें से कई बार खून निकलता है और दर्द भी होता है।

पाइल्स और फिशर में फर्क-

पाइल्स और फिशर का फर्क जानें कई बार पाइल्स और फिशर में लोग कंफ्यूज हो जाते हैं। फिशर भी गुदा का ही रोग हैए लेकिन इसमें गुदा में क्रैक हो जाता है। यह क्रैक छोटा सा भी हो सकता है और इतना बड़ा भी कि इससे खून आने लगता है।

पाइल्स-


50 वर्ष की आयु तक के अधिक लोगोें पर प्रभाव
गर्भावस्था में सामान्य रूप
आंतरिक या बाहरी

आइये जानते है इसके लक्षण-

मल त्याग के बाद खून आना।
मल के साथ खून आना।
कभी.कभी रक्त गुदा के आस.पास क्लॉट कर जाना।
पुरानी कब्ज का होना।
कठिन मल त्याग के कारण

आइये जानते है फिशर के बारे में-

गुदा के चारों ओर एक कट या दरार का होना।
शौच करने के लिए बहुत अधिक दबाव आना।
संक्रमित होने पर रक्त या मवाद आना।
कब्ज का होना।
दस्त का होना।
भारी व्यायाम करने से।

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आप पाइल्स या फिशर की समस्या से परेशान है तो आपको परेशान होने की जरूरत नहीं हैं आप ऊपर दिये गये वीडियो को देखकर पूरी जानकारी ले सकते है। अगर आपको होम्योपैथिक उपचार में कोई समस्या आये तो आप साहस होम्योपैथिक क्लीनिक के डाॅक्टर एनसी पाण्डेय से संपर्क कर पूरी जानकारी ले सकते है।

क्या आप गंजेपन से परेशान है?

लंबे बाल सभी को पसंद होते हैं, पर बढ़ती उम्र, तनाव, प्रदूषण और बीमारियों के कारण कई महिलाओं के बाल इस कदर झड़ रहे हैं कि गंजेपन की नौबत आ रही है। बालों का झड़ना आज के समय में एक आम समस्या है और यह परेशानी सिर्फ पुरूषों में ही नहीं, बल्कि महिलाओं में भी देखी जाती है। जब महिलाओं में गंजेपन की समस्या होती है तो यह यकीनन उन्हें काफी परेशान कर सकती है। गलत खानपान, तनाव, प्रदूषण व केमिकल युक्त हेयर प्रॉडक्ट के चलते यह गंजेपन की समस्या होती है। अगर आप भी ऐसी ही परेशानी से जूझ रही हैं तो इन आसान होम्योपैथिक दवाओं का सेवन कर गंजेपन की समस्या को दूर कर सकती हैं−

आइये जानते है इसके कारण-

एक उम्र के बाद बालों का झड़ना
हार्मोनल असंतुलन
सिर पर चोट की वजह
सिर पर दाद
शरीर में आयरन की कमी
आहार में पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन न होना

गंजेपन के लक्षण-

गंजेपन सिर के मध्य से दिखाई देना
बालों का पतला होना
कंघी करते समय बालों का टूटना।
पूरे शरीर के बालों का झड़ना

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आप बाल झड़ने की समस्या से परेशान है तो आपको परेशान होने की जरूरत नहीं हैं आप ऊपर दिये गये वीडियो को देखकर पूरी जानकारी ले सकते है। अगर आपको होम्योपैथिक उपचार में कोई समस्या आये तो आप साहस होम्योपैथिक क्लीनिक के डाॅक्टर एनसी पाण्डेय से संपर्क कर पूरी जानकारी ले सकते है।

क्या आप मानसिक तनाव से परेशान है

तनाव में रहना आपके लिए बहुत ही खतरनाक साबित हो सकता है। तनाव में रहने से हमें कई तरह की बीमारियों का सामना करना पड़ता है, जिसमें से एक डिप्रेशन भी है। अगर आप तनाव में रहते है तो आपको सावधान होने कि जरूरत है, क्योंकि इससे आपकी जिंदगी में बहुत बड़ा परिवर्तन आ सकता है। आज की इस भाग दौड़ भरी जिन्दगी में तनाव होना एक आम बात है। चाहे वो तनाव आपके लक्ष्य को पाने के लिए हो या किसी और वजह से हो। अगर आप ज्यादा ही तनाव भरा महसूस करते है तो, ये आपकी सेहत के लिए अच्छा संकेत नहीं है। अगर आप भी तनाव में रहते है तो आप इसका होम्योपैथिक उपचार कर सकते है।

आइये जानते है इसके लक्षण-

पेट में दर्द होना।
बार-बार खांसी का होना।
चिंता में रहना।
नींद पूरी न होना।

तनाव में रहने के कई कारण होते है। ऐसे में हमें इन कारणों पर खास ध्यान देना चाहिए-

परीक्षाओं के चलते तनाव।
तर्क.वितर्क करना।
लगातार तंग किये जाने से।
आफिस के वर्क से परेशान।
शादी या बच्चे के जन्म पर।
यातायात में फंस जाना।
असफलता का डर
गैर क़ानूनी काम करने पर।

होम्योपैथिक उपाय-

अगर आप भी मानसिक तनाव से परेशान है तो आपकों घबराने की कोई जरूरत नहीं है। आप होम्योपैथिक विधि से इसका उपचार कर सकते है। अधिक जानकारी के लिए वीडियो देखकर पूरी जानकारी ले सकते है। अगर आपको होम्योपैथिक उपचार में कोई समस्या आये तो आप साहस होम्योपैथिक क्लीनिक के डॉक्टर एनसी पाण्डेय से संपर्क कर पूरी जानकारी ले सकते है।

मुंहासों से परेशाानी

मुंहासे तब होते हैं जब तेल की ग्रंथि जम जाती है या संक्रमित हो जाती है जिसकी वजह से सूजन और लाल घाव हो जाते हैं जो मवाद से भरे होते हैं। वे ज्यादातर किशोरावस्था में ही होते हैं लेकिन किसी भी उम्र के लोगों को प्रभावित कर सकते हैं। मुंहासा त्वचा संबंधी आम रोगों में सबसे ज्यादा परेशान करने वाली बीमारी है क्योंकि इसका सीधा असर आपकी सुंदरता पर पड़ता है। वैसे तो 17-21 वर्ष की उम्र में मुंहासों का होना सामान्य है। क्योंकि इस उम्र में हार्मोन्स जैसे- एस्ट्रोजेन और प्रोजेस्टेरोन घटते और बढ़ते रहते हैं जिसकी वजह से चेहरे में तेल का स्राव ज्यादा होने लगता है और चेहरे पर मुंहासे होने लगते हैं। कील-मुंहासे हों तो उसकी प्राकृतिक सुंदरता कहीं छिप जाती है। लोग इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए तरह-तरह के उपाय करते हैं, लेकिन फिर भी उन्हें कुछ खास लाभ नहीं होता। अगर आप भी कई तरह के जतन करके थक चुके हैं तो होम्योपैथिक उपाय जरूर अपनाये। आइये जाते है सबसे पहले इसके लक्षण-

मुंहासों के लक्षण-

रोम छिद्र का बंद होना
छोटी-छोटी लाल रंग की गांठे
गाँठों में पस भर जाना।
बड़ी-बड़ी लाल रंग की पुटि

आइये जानते है इसके कारण-

भोजन में बाहरी चीजों का ज्यादा इस्तेमाल
वंशावाद
संक्रमण
मानसिक तनाव
ग्रन्थि में रूकावट
पित्त व कफ दोष
गर्भनिरोधक

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आप भी कील-मुंहासों से परेशान है तो आप होम्योपैथिक विधि से इसका उपचार कर सकते है। अधिक जानकारी के लिए ऊपर दिये गये वीडियो को देखे। अगर आपकों उपचार में कोई समस्या हो तो आप साहस होम्योपैथिक क्लीनिक के डॉक्टर एनसी पाण्डेय से संपर्क कर जानकारी ले सकते है।

बच्चों में चिड़चिड़ापन

आजकल छोटे बच्चों को गुस्सा आना एक आम बात हो गई है। ये गुस्सा बच्चों के चिड़चिड़ेपन को बढ़ता है। ये गुस्सा या चिड़चिड़पन बच्चों को शारीरिक और मानसिक रूप से बहुत हानि पहुंचाता है, इसलिए जरूरी है की बच्चों का गुस्सा या चिड़चिड़पन का किया जाये। पर ऐसे में सवाल ये उठता है कि बच्चों के गुस्से चिड़चिड़ेपन को कम कैसे किया जाए। अगर आपका बच्चा चिड़चिड़ेपन का शिकार है तो आप होम्योपैथिक उपचार कर सकते है। आइये जानते है क्यों होता है चिड़चिड़ापन।

बच्चों का लगाव हमेशा मां से ही ज्यादा होता है क्योंकि मां उसकी हर बात बिना कहे ही समझ जाती है। इसी वजह से बच्चे का पहला स्कूल भी उसकी मां को ही कंहा जाता है क्योंकि उसे जीवन का शुरुआती ज्ञान वहीं से मिलता है। लेकिन कई बार बच्चे के मन की स्थिति को समझना बढ़ा मुश्किल हो जाता है जिसके कारण बच्चे में चिड़चिड़ापन, गुस्सा या चुप रहना आदि लक्षण देखने को मिलते है –

मोटापा बढऩा।
भूख कम लगना।
चिड़चिड़ा होना।

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आपका बच्चा चिड़चिड़ेपन का शिकार है तो आप होम्योपैथिक विधि से उसका उपचार कर सकते है। अधिक जानकारी के लिए ऊपर दिये गये वीडियो को देखे। अगर आपकों उपचार में कोई समस्या हो तो आप साहस होम्योपैथिक क्लीनिक के डॉक्टर एनसी पाण्डेय से संपर्क कर जानकारी ले सकते है।

क्या आपके कान से मवाद निकल रहा है?

कान बहना काफी परेशान करने वाली समस्या हो सकती है। इसके साथ कान में दर्द या खुजली इस समस्या को और बढ़ा सकते हैं। कान बहना और इसके साथ दर्द या कान बंद होने की दिक्कत आपके सुनने और बोलने की क्षमता पर भी असर डालती है। कुल मिलाकर समस्या एक है, लेकिन इससे होने वाली परेशानियां काफी हैं और काफी इरीटेट करने वाली भी हैं, लेकिन आमतौर पर कान बहने की समस्या आम कारणों की वजह से होती है, लेकिन इसका मतलब यह कतई नहीं कि यह किसी बड़ी बीमारी का संकेत नहीं हो सकती। आइये जानते है इसके उपाय को कान बहने के संकेत।

कान का बहना-

कान का बहना और उससे बदबू आना गंभीर संकेत हैं। इसका मतलब है कि कान की हड्डी सड़ रही है। इसकी जांच तुरंत करानी चाहिए। नहीं तो ब्रेन एब्सेस हो सकता है। यह जानलेवा भी हो सकता है। कान का पर्दा फटने पर इन्फेक्शन हो जाता है। धीरे-धीरे हड्डियां सडऩे लगती हैं। इससे कोलेस्टेटोमा बीमारी हो जाती है। चेहरे में टेढ़ापन आने लगता है। ब्रेन में मवाद हो जाता है। गले में खराबी जाती है। मरीज मेनिनजाइटिस से भी पीडि़त हो जाता है। जैसे-

मवाद बदबूदार है।
सिर दर्द की शिकायत है।
कान का पर्दा फटने से सिर्फ पानी निकलता है।
कान माचिस के बक्से की तरह होता है।

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आप कान बहने या कान में मवाद आने से परेशान है तो होम्योपैथिक विधि से उपचार कर आप इस समस्या से छुटकारा पा सकते है। आप ऊपर दिये गये वीडियो को देख डॉक्टर से सलाह के बाद अपना होम्योपैथिक उपचार करा सकते है। अगर आपको होम्योपैथिक उपचार में किसी प्रकार की समस्या हो तो आप साहस होम्योपैथिक के विशेषज्ञ डॉ. एनसी पाण्डेय से संपर्क कर अपनी समस्या का समाधान कर सकते है।

क्या आपको भूलने की समस्या है

लोग डिमेंशिया को सिर्फ ए क भूलने की बीमारी के नाम से जानते हैं। सोचते हैं कि याददाश्त की समस्या ही डिमेंशिया का एकमात्र या प्रमुख लक्षण है। पर याददाश्त की समस्या तो डिमेंशिया के लक्षणों में से सिर्फ एक है। साहस होम्योपैथिक क्लीनिक के विशेषज्ञ डॉ. एनसी पाण्डेय होम्योपैथिक दवाओं से बीमारी दूर करने के उपाय अपने यू-ट्यूब चैनल पर देते है। आज के भागदौड़ भरी जिंदगी में अक्सर लोग कई चीजें भूल जाते है। उन्हें याद ही नहीं रहता है। ऐसे में वह भूलने की बीमारी से घिर जाते है। विशेषज्ञ डॉ. एनसी पाण्डेय ने इस समस्या से परेशान लोगों को किस तरह अपना उपचार करना है। यह जानकारी वीडियो में दी है।

आइये जानते है इसके लक्षण-

डिमेंशिया के लक्षणों का मूल कारण है मस्तिष्क में हुई हानि, जिसके कारण व्यक्ति के सोचने-समझने और काम करने में समस्याएं होने लगती हैं। मोटे तौर पर सब लक्षण संज्ञान से संबंधित हैं, पर फिर भी, किसी विशिष्ट व्यक्ति में कौन से लक्षण पेश होंगे, वे कितने गंभीर होंगे और समय के साथ कैसे बढ़ेंगे, यह फर्क रहता है।

होम्योपैथिक उपचार-

हम अक्सर कभी किसी का नाम, चेहरा या फिर किताब में क्या लिखा है ऐसी चीजें भूल जाते है। आजकल कम उम्र के बच्चों को भी ये समस्या हो रही है। सबसे बड़ी बात यह है कि लोग पहले छोटी-छोटी चीजें भूलने लगते हैं लेकिन इसपर ध्यान नहीं देते और बाद में ये बढ़ कर अल्जाइमर या डिमेंशिया बीमारी का रूप ले लेती है। अगर आप भी ऐसी बीमारी से परेशान है तो ऊपर दिये गये वीडियो को देखकर डॉ एनसी पाण्डेय द्वारा बताई गई होम्योपैथिक दवाओं को सेवन का अपना उपचार कर सकते है।

कब्ज का होम्योपैथिक उपचार

यदि कोई मानव एक सप्ताह में सिर्फ तीन बार ही मल त्याग करता है, तो इसे कब्ज की स्थिति माना जाता है। ऐसे में इस समस्या में व्यक्ति मलाशय से मल को बाहर निकालने में कठिनाई और समस्या का सामना करता है। जब किसी व्यक्ति का कोलन भोजन से बहुत अधिक पानी सोखता है। पाचन तंत्र में भोजन की धीमी गति के कारण ऐसा होता है जिसके कारण मल को हटाने की प्रक्रिया एक कठिन और दर्दनाक स्थिति बन जाती है। यह किसी व्यक्ति की जीवनशैली में बदलाव के कारण होता है और यदि जीवनशैली बहाल हो जाती है तो इसे ठीक किया जा सकता है। पुरानी कब्ज एक ऐसी स्थिति है। आइये जानते है पुराने कब्ज के कारण और उसके लक्षण-

आइये जानते है पुराने कब्ज के लक्षण-

पेट में दर्द एवं भारीपन होना।
पेट में गैस बनना।
बिना श्रम के ही आलस्य बने रहना।
पिण्डिलियों में दर्द रहना।
कुंथन करने पर ही मलत्याग होना।
मल का सख्त एवं सूखा होना।
सिर में दर्द रहना।
बदहजमी

पुराने कब्ज के कारण-

एनल फिशर
बाउल ऑब्सट्रक्शन
कोलन या रेक्टल का कैंसर
कोलन या मलाशय में रुकावट
कोलन का संकुचन की स्थितियों की तरह मलाशय उभार
आहार में फाइबर
तनाव
जुलाब की व्यापकता
डायबिटीज

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आप भी पुराने कब्ज से परेशान है तो आपको घबराने की कोई जरूरत नहीं है। आप होम्योपैथिक विधि से अपना उपचार कर सकते है। अधिक जानकारी के लिए आप ऊपर दिये गये वीडियो को देखकर डॉक्टर की सलाह पर अपना उपचार कर सकते है।

भूलने की आदत

भूलने की आदत ज्यादातर लोगों को परेशान करती है। कोई नाम भूल जाता है तो किसी के दिमाग से अहम दिन व तारीखें फिसल जाती हैं। आजकल की भागदौड़ भरी जिंदंगी में लोगों को कई तरह के रोग लग जाते हैं। इसमें से एक आम सा रोग हो गया है भूलना। लोगों को भूलने की आदत या बीमारी होने लगी है। पहले लोगों को इस समस्या का सामना उम्र बढऩे के बाद करना पड़ता था लेकिन आजकल कम उम्र के बच्चों को भी ये समस्या हो रही है। कुछ लोग पहले छोटी-छोटी चीजें भूलने लगते हैं लेकिन इस पर ध्यान नहीं देते और बाद में ये बढ़ कर अल्जाइमर या डिमेंशिया बीमारी का रूप ले लेती है। लेकिन इस समस्या के पनपने के पीछे क्या कारण है ये जानना भी जरूरी है। आइये जानते है कैसे उनसे निपटा जा सकंे।

सामान्य तौर पर इसके लक्षण-

याददाश्त कमजोर होना।
बातों को दोहराना।
निर्णय न ले पाना।
काम करने में दिक्कत होना।
स्वभाव में बदलाव।
बोलने में दिक्कत।
गाड़ी चलाने में परेशानी बदलने।
शौच जाने।
नहाने और खाने में भी दिक्कत।

आइये जानते है इसके कारण-

नंबर जोडऩे में दिक्कत होना।
बिना कारण चिल्लाना-गुस्सा करना।
लोगों पर शक करना।
गुमशुम रहना।
कुछ काम आरंभ करना और फिर उसे भूल जाना
दिन-तारीख भूल जाना।
रोज के कामों को करने में मुश्किल होना।
हाल ही में हुई घटनाएं भूल जाना।
किसी चीज को देखकर समझ न पाना ।
कपड़े गलत पहन लेना।

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आप भूलने की बीमारी से परेशान है तो आपको घबराने की कोई जरूरत नहीं है। आप होम्योपैथिक विधि से इसका उपचार कर इस बीमारी से छुटकारा पा सकते है। अधिक जानकारी के लिए आप ऊपर दिये गये वीडियो को देखे।