हड्डियों का कमजोर होना

बुढ़ापे में तो हड्डियां कमजोर हो ही जाती हैं, पर इस कमजोरी के मतलब क्या है। क्या जवानी या अधेड़ उम्र में हड्डियां कमजोर हो सकती हैं। आजकल हर डॉक्टर कह देता है कि बोन डेन्सिटी की जांच करा लें जिससे पता चल सके कि आपकी हड्डियां कमजोर तो नहीं हो रहीं।हड्डियां कमजोर होने को चिकित्सा शास्त्र में आस्टियोपोरोसिस कहते हैं। आज हम बतायेंगे अगर आपकी हड्डियां कमजोर है या टूट रहे है तो आप किस तरह होम्योपैथिक विधि से उसका उपचार कर सकते है। हड्डियां कमजोर होने का मतलब शरीर की हड्डियों की शक्ति इतनी कम हो जाए कि हड्डी टूटने का खतरा कई गुना बढ़ जाये। हड्डियां खोखली-सी होने लगें। ढांचा तो खड़ा हो और पलस्तर झड़ जाए। फिर छोटी-सी चोट से या कभी-कभी तो पता ही न चले और हड्डी टूट जाए।

आइये जानते है इसके लक्षण

टूटते नाखून
जोड़ो में दर्द
मसूड़ों का फूलना
लंबाई का कम होना
कमजोर होना
अचानक फ्रैक्चर होना
मांसपेशियों में दर्द
दुबला-पतला होना

हड्डिया कमजोर होने के कारण-

थाइरॉइड
अनुवांशिक
कैल्शियम की कमी
शराब का सेवन
धूम्रपान करना

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आप भी हड्डियां कमजोर होने की समस्या से परेशान है तो आप होम्योपैथिक दवाओं के सेवन से इस समस्या से छुटकारा पा सकते है। आप अपने नजदीकी होम्योपैथिक डॉक्टर से संपर्क कर हड्डियां कमजोर होने की समस्या से छुटकारा पा सकते है। और होम्योपैथिक दवाइयों का उपयोग करें तो इन बीमारियों से बच सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए आप ऊपर दिये गये वीडियो को देखकर साहस होम्योपैथिक क्लीनिक के विशेषज्ञ डॉ. एनसी पाण्डेय से संपर्क कर सकते है।