स्लिप डिस्क की समस्या

आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में लोग अपने काम में इतने व्यस्त हो गए हैं कि उनके पास खुद को फिट और हेल्दी रखने के लिए समय ही नहीं है। गैजेट्स के बढ़ते चलन ने हमारे हेल्थ के लिए खतरा उत्पन्न कर दिया है। ऐसे में कमर से जुड़ी हेल्थ प्रॉब्लम के मामले लगातार बढ़ रहे हैं, स्लिप डिस्क इनमें से ही एक है। हमारे शरीर में रीढ की हड्डियों को हड्डी सहारा देती है। रीढ की हड्डियों में हड्डियों का समूह होता है। यह छोटी और बडी आकर की होती है। अगर छोटी हड्डी बडी हो जाये तो इसे स्लिप डिस्क कहते है। स्लिप डिस्क के कारण हाथ या पैर में कमजोरी होती है। ऐसे में कई लोगोें यह पता भी नहीं रहता कि उन्हें स्लिप डिस्क की समस्या आ गई है।

स्लिप डिस्क के लक्षण-

चलने में दर्द
दर्द की जगह जलन
मांसपेशियों में कमजोरी
हाथ में दर्द फैलना
सोते समय दर्द
शरीर के एक हिस्से में अधिक दर्द

आइये जानते है स्लिप डिस्क के कारण-

स्लिप डिस्क के कारण स्लिप डिस्क की समस्या तब होती हैए जब बाहरी रिंग कमजोर हो जाती है या डैमेज हो जाती है और आंतरिक भाग को बाहर निकलने का रास्ता मिल जाता है। ऐसी परेशानी किसी भी उम्र में हो सकती हैए लेकिन बढ़ती उम्र में इसकी चपेट में आने की आशंका अधिक होती है। ज्यादा वजन उठाने से भी स्पाइन के निचले हिस्से में तनाव पड़ सकता हैए जिसके स्लिप डिस्क की परेशानी हो सकती है। फिजिकल वर्क कम या नहीं करने से भी लोग स्लिप डिस्क से ग्रस्त हो रहे हैं।

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आपके स्लिप डिस्क की समस्या से है तो आप डाॅक्टर से जानकारी लेकर अपना उपचार करा सकते है। आप होम्योपैथिक विधि से अपना उपचार कर स्लिप डिस्क की समस्या से निजात पा सकते है। होम्योपैथिक विधि दुनियां की सबसे अच्छी विधि मानी जाती है जिसमें अधिकांश लोग विश्वास करते है, अगर आपको होम्योपैथिक उपचार में कोई समस्या आये तो आप साहस होम्योपैथिक क्लीनिक के डाॅक्टर एनसी पाण्डेय सेे संपर्क कर पूरी जानकारी ले सकते है। अधिक जानकारी के लिए आप ऊपर दिये गये वीडियो को देखकर डाॅक्टर की सलाह पर दवाओं का सेवन कर सकते है।