शिशु में उदरशूल की समस्या

एक स्वस्थ शिशु में उदरशूल अक्सर लंबे समय तक और तीव्र रोना या चिड़चिड़ाहट होना है। उदरशूल विशेष रूप से माता पिता के लिए निराशाजनक हो सकता है। क्योंकि बच्चे का संकट किसी स्पष्ट कारण के लिए नहीं होता है और कोई भी सांत्वना कोई राहत नहीं देती है। तीन महीने से कम उम्र के बच्चे जो लगातार रोते रहते हैं और इसी वजह से उनके पेट में दर्द रहता है उसे उदरशूल कहते हैं । इसमें बच्चा लगातार रोता रहता है। माता-पिता इस बात का पता नहीं लगा पाते हैं कि बच्चा क्यों रो रहा है। इसके साथ ऐसा क्यों हो रहा है। जब वह छठे सप्ताह तक पहुंच जाता है तो रोना काफी हद तक बेकाबू हो जाता है और माता-पिता बेहद परेशान हो जाते हैं उनके समझ नहीं आता की वह क्या करें। माता-पिता आमतौर पर अपने बच्चों को भयानक रोने के कारण उसको कम करने के लिए डॉक्टर के पास ले जाते हैं। जिससे की उन्हें आराम मिल सके। आज हम आपकों बतायेंगे कैसे आप उदरशूल की समस्या से अपने बच्चे को निजात दिला सकते है।

उदरशूल के कारण-

कमजोर
बचपन के माइग्रेन
पारिवारिक तनाव
पाचन तंत्र का विकसित न होना
स्वस्थ बैक्टीरिया का असंतुलन
खाद्य एलर्जी
अतिसंवेदनशील
अंडरफेडिंग

उदरशूल के लक्षण-

शिशु का लगातार रोना
बिना कारण रोना
रोजाना रोना
शिशु का चिड़चिड़ा होना
चेहरे का रंग बदलना
रोते समय शरीर में तनाव

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आपका बच्चा भी उदरशू की समस्या से परेशान है तो आप होम्योपैथिक दवाओं के सेवन से इस समस्या से छुटकारा पा सकते है। आप अपने नजदीकी होम्योपैथिक डॉक्टर से संपर्क कर उदरशूल की समस्या से छुटकारा पा सकते है। किसी तरह की परेशानी होने पर आप साहस होम्योपैथिक के विशेषज्ञ डा. एनसी पाण्डेय से संपर्क कर सकते है। ऊपर दिये गये वीडियो को देखकर आप अपने बच्चे का सही तरीके से उपचार कर सकते है।