गुर्दे में कैंसर की समस्या

जब गुर्दे की कोशिकाएं घातक रूप धारण कर लेती हैं और नियंत्रण से बाहर होकर एक ट्यूमर बना देती हैं। गुर्दे के लगभग सभी कैंसर पहले किडनी में छोटी ट्यूबों की भीतरी तह में पैदा होते हैं। इस किस्म के गुर्दे के कैंसर को रीनल सैल कार्सिनोमा कहा जाता है। हालांकि शुरूआती दौर में किडनी की बीमारी को पकड़ना बहुत मुश्किल होता है। लेकिन पेशाब में अगर खून आने लगे तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। कमर या पेट में दर्द हो या किडनी के आस-पास गांठ जैसी कोई चीज महसूस हो तो इसकी जांच करानी चाहिए। आप एक गुर्दे में कैंसर की समस्या से परेशान है तो आप होम्योपैथिक विधि से इसका उपचार कर सकते है। आप इसके उपचार के लिए चिकित्सक से सलाह ले।

गुर्दों के कैंसर के लक्षण-

पेशाब में खून आना
भूख न लगना
अचानक से वजन कम होना
थकान लगना
पेट में गांठ
पेट के एक तरफ दर्द होना
बहुत अधिक थकावट
खून की कमी
टखनों या टांगों में सूजन

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आपके गुर्दो में कैंसर की समस्या से है तो आप डाॅक्टर से जानकारी लेकर अपना उपचार करा सकते है। आप होम्योपैथिक विधि से अपना उपचार कर गुर्दो में कैंसर की समस्या से निजात पा सकते है। होम्योपैथिक विधि दुनियां की सबसे अच्छी विधि मानी जाती है जिसमें अधिकांश लोग विश्वास करते है अगर आपको होम्योपैथिक उपचार में कोई समस्या आये तो आप साहस होम्योपैथिक क्लीनिक के डाॅक्टर एनसी पाण्डेय सेे संपर्क कर पूरी जानकारी ले सकते है।