urine incontinence treatment in homeopathy

Urine incontinence , मूत्र असंयम का होम्योपैथिक उपचार

यूरिन असंयम या यूरिन को न रोक पाने के लिए, ओवर एक्टिव ब्लैडर, तंत्रिका की क्षत, मूत्र मार्ग का संक्रमण, पेल्विक की मसल्स कमजोर व बढ़ती उम्र जैसे कई कारण हो सकते हैं। युरिन को रोक ना पाना वह स्थिति है जब किसी व्यक्ति का अपने यूरिन पर नियंत्रण नहीं रहता, यह एक समान समस्या है पुरुषों में तो यह समस्या 60 वर्ष के बाद यदि उनके प्रोस्टेट ग्लैंड बढ़ते हैं तब देखने को मिलती है। परंतु कई महिलाओं में यह आम समस्या है ज्यादातर महिलाएं झिझक के कारण इस समस्या को नहीं बता पाती है। अधिकतर यह कब्ज और दस्त जैसी समस्याओं से पैल्विक मांसपेशियों पर खिंचाव बढ़ता है जिसके कारण मूत्राशय उतेजित होता है यूरीन रोकना पाने की परेशानी बढ़ जाती है।
लक्षण: इसके कुछ खास लक्षण नजर आने वाले नहीं होते यूनियन रोक ना पाना यूरिन के लिए भाग कर जाना कई बार पेट में दर्द आदि लक्षण नजर आते हैं
वैसे तो यूरिन जितनी ज्यादा आये शरीर के लिए उतना ही अच्छा है क्यूकी ये शरीर की गंदगी को बाहर निकालने का रास्ता है परंतु किसी को यदि काम आए तो वह भी नुकसान और यदि किसी को यह इतना आए की रोक ना पाए तो उससे भी नुकसान होता है तो आज मैं आपको अपने वीडियो के माध्यम से यूरिन रोक ना पाने का इलाज बताने जा रहा हूं।
दवाइयां : यदि आप भी इस समस्या से पीड़ित हैं तो आप staphysagria 200 की आधे कप पानी में 5 बुँदे सुबह और शाम को लें (इस दवा को केवल 15 दिन ही लेनी है)। इसके साथ आप Equisetum Q को आधा कप पानी में मिलाकर 10 बूंदें सुबह दोपहर शाम को लें।आपको आराम मिलेगा।