Side-Effect of Insulin

डायबिटीज के मरीजों को उनके शुगर लेवल के हिसाब से इन्सुलिन दिया जाता है (जब शुगर बढ़ जाती है और दवाइयों से भी कम नही होती तब ऐसी स्थिति में इन्सुलिन दिया जाता है। इन्सुलिन को इंजेक्शन के माध्यम से लिया जाता है, यदि इन्सुलिन लेने के बाद भी शुगर कण्ट्रोल में नही आती तो इन्सुलिन का लेवल भी बढ़ा दिया जाता है। यदि डायबिटीज कण्ट्रोल में नही होगी तो कई अन्य बीमारियों का शिकार होना पड़ता है, परन्तु इसके साथ यह भी जानना जरुरी है की जो रोगी इन्सुलिन लेते है उसके भी शरीर में दुष्परिणाम होते है। मधुसुदनी अग्नाशय यानि पंक्रेयाज के अंत स्रात्रवी भाग लैंगर हैंस की द्विपिकाओ की कोशिकाओ से निकलने वाला एक जंतु हार्मोन है, जिसकी रचना एमिनो अमल से होती है।यह एक ग्लूकोस को ग्लैकोजन में बदल देता है, जिसके शरीर में एनर्जी मिलती है।

दुष्परिणाम: इन्सुलिन लेने में उतने ही साइड इफ़ेक्ट है जितने अन्य ड्रग्स लेने के। उस जगह पर दर्द होना, जगह का नीला या लाल पड़ना, वजन बढ़ना , त्वचा संक्रमण, इंजेक्शन लगने वाली जगह का कठोर होना।
इन्सुलिन का सेवन डॉक्टर के परामर्श में ही करना चाहिए , क्योंकि अधिक इन्सुलिन लेने से रोगी का ग्लूकोस लेवल बहुत कम हो सकता है। होम्योपैथिक चिकित्सा पद्यति में यदि आप अपना उपचार करा रहे है तो आपको इसकी जरूरत ही नही पड़ेगी।

दवाइयां : इसमें आप Insulinum 10x की गोली (अगर गोली बड़ी है तो 1 गोली और छोटी गोली है तो 2 गोली 3 बार) इसके साथ Bio-combination 7 की 4 गोली सुबह, दोपहर, शाम, 3 बार ले. Cephalandra Indica Q को आधे कप पानी में 10 बुँदे सुबह, दोपहर और शाम को लें।
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