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अस्थमा की समस्या

अक्सर अस्थमा के लक्षणों में सांस का फूलना, सीने में दर्द होना, खांसी होना इत्यादि शामिल हैं। इन सभी लक्षणों में उतार-चढ़ाव हो सकते हैं और कुछ मामलों में अस्थमा से पीडि़त लोगों को यह पता ही नहीं चलता है कि उन्हें अस्थमा की बीमारी है क्योंकि उनमें ये लक्षण नजऱ नहीं आते हैं। अस्थमा की कई सारी संभावनाएं होती हैं, लेकिन अस्थमा के असर को नॉर्मल समझा जा सकता है और इसके लिए इलाज के सामान्य तरीकों से जैसे होम्योपैथिक विधि से ठीक कर सकते है।

आस्थमा के कारण

मोटापा
एलर्जी
स्ट्रेस
प्रदूषण
धूम्रपान

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आप अस्थमा की समस्या से परेशान है तो आप डॉक्टर से जानकारी ले सकते है। आप होम्योपैथिक दवाओं का सेवन कर अस्थमा की समस्या से छुटकारा पा सकते है। अगर आपको होम्योपैथिक उपचार में कोई समस्या आये तो आप साहस होम्योपैथिक क्लीनिक के डॉक्टर एनसी पाण्डेय सेे संपर्क कर पूरी जानकारी ले सकते है।

वजन घटाने की विधि

मसालेदार भोजन के सेवन से मेटाबॉलिज्म को बूस्ट करने और वजन घटाने में मदद मिलती है। मसालेदार भोजन तापीय प्रभाव को ट्रिगर करता है, जबकि तापीय प्रभाव कैलोरीज बर्न करता है। फाइबर के चलते भूख कम लगती है और बार-बार खाने की आदत से निजात मिलती है। साथ ही पिपेरिन पाचन तंत्र को मजबूत करता है और फैट बर्न करता है। इस यौगिक की उपलब्धता से भी वजन कम करने में मदद मिलती है।

आइये जानते है इसके लक्षण
कद
वजन
अंडरवेट
वजन सामान्य
गर्भावस्था

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आप वजन बढऩे की समस्या से परेशान है तो आप डॉक्टर से जानकारी ले सकते है। आप होम्योपैथिक दवाओं का सेवन कर वजन बढऩे की समस्या से छुटकारा पा सकते है। अगर आपको होम्योपैथिक उपचार में कोई समस्या आये तो आप साहस होम्योपैथिक क्लीनिक के डॉक्टर एनसी पाण्डेय सेे संपर्क कर पूरी जानकारी ले सकते है।

कब्ज की समस्या

अनुचित खानपान के चलते कब्ज आम समस्या बन गई है। खासकर जंक फूड्स, चाय, कॉफी और स्मोकिंग के चलते पेट संबंधी विकार होते हैं। इससे निजात पाने के लिए काली मिर्च का सेवन किया जा सकता है। काली मिर्च के सेवन से पेट में हाइड्रोक्लोरिक एसिड का स्त्राव होता है। इससे पाचन तंत्र सुचारू रूप से काम करने लगता है। आज हम आपको बतायेेंगे कैसे आप कब्ज की समस्या को होम्योपैथिक विधि उपचार कर सकते है।

कब्ज के लक्षण

अनियमित
कम मात्रा में मल त्याग
मल त्यागने में दबाव
कठिन मल का पारित होना
पेट में दर्द और ऐंठन
फूला हुआ पेट

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आप कब्ज की समस्या से परेशान है तो आप डॉक्टर से जानकारी ले सकते है। आप होम्योपैथिक दवाओं का सेवन कर कब्ज की समस्या से छुटकारा पा सकते है। अगर आपको होम्योपैथिक उपचार में कोई समस्या आये तो आप साहस होम्योपैथिक क्लीनिक के डॉक्टर एनसी पाण्डेय सेे संपर्क कर पूरी जानकारी ले सकते है।

बच्चों में लार की समस्या

अक्सर छोटे बच्चे मुंह से लार गिराते रहते हैं और उनकी माताएं बड़े ही प्यार से उनकी बहती लार को समय-समय पर साफ करती हैं। कुछ मामलों में ऐसा होना बहुत ही सामान्य है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि कुछ विशेष परिस्थितियों में बच्चों का लार टपकाना किसी समस्या का इशारा भी हो सकता है। इस बारे में बच्चे बोल कर नहीं बता सकते। बच्चों में दो साल की उम्र तक लार का टपकना बहुत ही सामान्य है। ऐसा होने के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें शारीरिक और मानसिक विकास के साथ-साथ दांतों का निकलना भी शामिल है। आप होम्योपैथिक विधि से इसका उपचार कर सकते है।

लार टपकने के कारण-

मुंह में घाव
एसिडिटी
दवाईओं का प्रभाव
रिले-डे सिंड्रोम
विल्सन रोग
केंद्रीय तंत्रिका तंत्र
रेट सिंड्रोम
टॉन्सिलाइटिस
दांतों में कैविटी
मानसिक विकास में कमी

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आपका बच्चा की लार टपकने की समस्या से जूझ रहे है तो आप होम्योपैथिक दवाओं के सेवन से इस समस्या से छुटकारा पा सकते है। आप अपने नजदीकी होम्योपैथिक डॉक्टर से संपर्क कर लार टपकने की समस्या से छुटकारा पा सकते है। और होम्योपैथिक दवाइयों का उपयोग करें तो इन बीमारियों से बच सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए आप साहस होम्योपैथिक क्लीनिक के विशेषज्ञ डॉ. एनसी पाण्डेय से संपर्क कर सकते है।

कान में फोड़ें की समस्या

कभी-कभी आपको अपने कान के आसपास की त्वचा में या कान की नलिका के अंदर कुछ उभरी हुई सी आकृति महसूस होती है। यह कुछ और नहीं बल्कि कान में फोड़ा फुंसी होने का संकेत है। कान में होने वाले फोड़ा फुंसी या दाने कोई बीमारी नहीं है। यह सिर्फ आपकी त्वचा या खून में आयी कुछ अशुद्धि का परिणाम मात्र है। कान की त्वचा बहुत नाजुक होती है इसलिए किसी भी विकार से तुरंत प्रभावित हो जाती है। यदि यह फोड़ा-फुंसी कान के बहार या आसपास हो तो इनका इलाज आसान है। आज हम बतायेंगे कान में फोड़े की समस्या को आप कैसे होम्योपैथिक विधि से दूर कर सकते है।

कान में फोड़े के कारण

कान में संक्रमण होना
कान सफाई न होना
बच्चे के कान में मैल
त्वचा की किसी विकृति
खून में समस्या
कान में पानी अटकना
त्वचा पर तेल

कान पर फोड़े के लक्षण

आसपास त्वचा का उभरा होना
त्वचा में उभार
लालामी व जलन
गाँठ सी महसूस होना
त्वचा की गाँठ का कठोर
फोड़ा-फुंसी या दाना
कान में दर्द होना
कान से मवाद निकलना
कान बहना
आपके कान से बदबू

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आप भी कान में फोड़े की समस्या से जूझ रहे है तो आप होम्योपैथिक दवाओं के सेवन से इस समस्या से छुटकारा पा सकते है। आप अपने नजदीकी होम्योपैथिक डॉक्टर से संपर्क कर कान में फोड़े की समस्या से छुटकारा पा सकते है। और होम्योपैथिक दवाइयों का उपयोग करें तो इन बीमारियों से बच सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए आप साहस होम्योपैथिक क्लीनिक के विशेषज्ञ डॉ. एनसी पाण्डेय से संपर्क कर सकते है।

फेफड़ों में पानी

कभी यह भी सुनने में आता है कि छाती में नली डलवाकर पानी पूरा निकलवाना। किसी मरीज की छाती से एक बार पानी पूरा निकलवा देने के बाद भी दोबारा से पानी भर गया, जिसे फिर से निकलवाना पड़ा। कभी यह भी सुनने में आया होगा कि किसी व्यक्ति की छाती में बार-बार पानी का जमाव हो जाता है और फेफड़े पर दबाव की वजह से साँस फूलने लगती है। फेफड़े और छाती की दीवार के बीच खाली जगह होती है जिसमें फेफड़ा स्वतंत्र रूप से सांस लेने के समय नियमित रूप से फैलता और सिकुड़ता है। सामान्यत: फेफड़े की ऊपरी सतह से पानी नियमित रूप से रिसता रहता है, कभी-कभी पानी पेट से भी छेदों के जरिये छाती के अन्दर पहुँचता रहता है। आइये जानते है इसके होम्योपैथिक उपचार

सबसे पहले जानते है लक्षण

साँस फूलना
साँस लेने में छाती में दर्द होना
बलगम का आना
शाम को बुखार तेज आना
वजन में गिरावट

फेफड़ों में पानी भरने के कारण

टीबी
कन्जेस्टिव हार्ट फेलियर
लीवर सिरोह्सिस
पुलमोनरी इम्बोलिज्म
ओपन हार्ट सर्जरी के कॉम्प्लीकेशन
निमोनिया
गंभीर किडनी डिसीस
लूपस
रह्यूमेटाइड आर्थराइटिस

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आप भी फेफड़ों में पानी भरने की समस्या से जूझ रहे है तो आप होम्योपैथिक दवाओं के सेवन से इस समस्या से छुटकारा पा सकते है। आप अपने नजदीकी होम्योपैथिक डॉक्टर से संपर्क कर फेफड़ों में पानी भरने की समस्या से छुटकारा पा सकते है। और होम्योपैथिक दवाइयों का उपयोग करें तो इन बीमारियों से बच सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए आप साहस होम्योपैथिक क्लीनिक के विशेषज्ञ डॉ. एनसी पाण्डेय से संपर्क कर सकते है।

मर्दो में कमजोरी

सामान्य ह्यूमन रीप्रॉडक्शन में इस हफ्ते छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक उम्र बढऩे के साथ पुरुषों के सीमन उत्सर्जन की क्षमता घटती जाती है। साथ ही इस स्पर्म की क्वॉलिटी भी कम होती जाती है। 50 साल का पुरुष 30 साल के पुरुष की अपेक्षा 20 फीसदी कम सीमन का उत्सर्जन करता है। उम्र बढऩे के साथ ही सीमन के एग तक पहुंचने की गति भी धीमी पड़ जाती है और यही कारण है कि उम्रदराज लोगों के पिता बनने की संभावनाएं भी क्षीण हो जाती है। आज हम आपको बतायें कैसे आप होम्योपैथिक विधि से अपने मर्दाना ताकत को बढ़ा सकते है।

कमजोरी के लक्षण

उत्तेजित न होना
आत्मविश्वास में कमी
लिंग का छोटा
जल्दी डिस्चार्ज
सम्भोग के बाद
इंद्री में कठोरता में कमी

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आप भी मर्दाना कमजारेी से परेशान है तो आप तुंरत डॉक्टर को दिखाये। आप होम्योपैथिक दवाओं के सेवन से इस समस्या से छुटकारा पा सकते है। आप अपने नजदीकी होम्योपैथिक डॉक्टर से संपर्क कर ऐसे समस्याओं से छुटकारा पा सकते है। और होम्योपैथिक दवाइयों का उपयोग करें तो इन बीमारियों से बच सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए आप साहस होम्योपैथिक क्लीनिक के विशेषज्ञ डॉ. एनसी पाण्डेय से संपर्क कर सकते है।

गले में जलन

गले की जलन से परेशान रहने का मुख्य कारण आजकल लोगों का खान-पान से जोड़ा जाय तो कोई गलत नहीं होगा। पेट में गैस बनना, एसिडिटी जैसी बीमारियां आम हो गई हैं। सर्दियों में लोग तला-भुना ज्यादा खाते हैं, जिसके कारण पेट से जुड़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। कुछ लोगों की पाचन क्रिया तो इतनी कमजोर होती है कि खाना खाने के बाद ही एसिडिटी, पेट फूलना, सीने में जलन जैसी समस्याएं होने लगती है। आज हम आपकों बतायेंगे कैसे आप होम्योपैथिक विधि से गले में जलन का उपचार कर सकते है।

गले में जलन के लक्षण

पेट-सीने व गले में जलन
जी मिचलाना
उल्टी होना
गैस बनना
बार-बार डकार आना
पेट फूलना
गले में खराश होना
घबराहट
हिचकी

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आप भी गले या सीने की जलन से परेशान है तो आप होम्योपैथिक दवाओं के सेवन से इस समस्या से छुटकारा पा सकते है। आप अपने नजदीकी होम्योपैथिक डॉक्टर से संपर्क कर गले की जलन से छुटकारा पा सकते है। किसी तरह की परेशानी होने पर आप साहस होम्योपैथिक के विशेषज्ञ डा. एनसी पाण्डेय से संपर्क कर सकते है।

पेट में मरोड़ उठना

आजकल फास्टफूड और तैलीय भोजन खाने से कई बार पेट में मरोड़ उठने लगती है जो काफी परेशान करती है। गलत खानपान के कारण हमारा पाचनतंत्र प्रभावित होता है और कई बार हमारे पेट में दर्द होने लगता है। इस दर्द का कारण पेट की गैस, अपच, एसिडिटी, कब्ज, पेट का फ्लू, फूड प्वायनिंग आदि हो सकती है। आप होम्योपैथिक विधि से पेट में मरोड़ की समस्या को हल कर सकते है।

पेट में मरोड़ के कारण

कब्ज का होना
गैस्ट्रोइसोफेजियल रिफ्लक्स डीजीज
पेप्टिक अल्सर
क्रोहन रोग
मांसपेशियों में खिंचाव या तनाव
मासिक धर्म
पेट का फ्लू
गैस
इरिटेबल बाउल सिंड्रोम
एसिड रिफ्लक्स
उल्टी

होम्योपैथिक उपचार-

अगर आप भी पेट में मरोड़ से परेशान है तो आप होम्योपैथिक दवाओं के सेवन से इस समस्या से छुटकारा पा सकते है। आप अपने नजदीकी होम्योपैथिक डॉक्टर से संपर्क कर पेट में मरोड़ से छुटकारा पा सकते है। किसी तरह की परेशानी होने पर आप साहस होम्योपैथिक के विशेषज्ञ डा. एनसी पाण्डेय से संपर्क कर सकते है।